New Railway Line : मिजोरम की राजधानी तक जल्द दौड़ेगी ट्रेन, रेलवे की CRS से मिली हरी झंडी, मिलेगा फायदा
New Railway Line : भारतीय रेलवे अपने रेल नेटवर्क को लगातार सुधारने में लगा है और इसका विस्तार भी कर रहा है. इस दिशा में रेलवे के लिए कल खास दिन रहा क्योंकि मिजोरम की राजधानी आइजोल भी रेल लिंक से जुड़ गई है. रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) ने मिजोरम में होर्टोकी से सैरांग तक रेलवे लाइन पर परिचालन को अधिकृत कर दिया है. राजधानी आइजोल को पहली बार रेल से जोड़ने के लिए यह अहम अंतिम मंजूरी है.
होर्टोकी-सैरांग लाइन 51.38 किलोमीटर लंबे बैराबी-सैरांग रेल प्रोजेक्ट का अंतिम चरण है. इस सफल ट्रायल को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, “मिजोरम की राजधानी (आइजोल) को भारत के हर दिल से जोड़ने जा रहा है. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे का लुमडिंग डिवीजन की बैराबी-सैरांग न्यू बीजी लाइन प्रोजेक्ट का सीआरएस स्पीड ट्रायल कराया गया है.”New Railway Line
सैरांग, राजधानी आइजोल का एक सेटेलाइट टाउन है, जो शहर से लगभग करीब 20 किलोमीटर दूर बसा हुआ है. असम की सीमा के पास कोलासिब जिले में बैराबी अब तक मिजोरम में एकमात्र रेलवे स्टेशन रहा है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत रेलवे सेफ्टी ऑडिट बॉडी सीआरएस की ओर से निरीक्षण, इस रूट पर ट्रेन परिचालन शुरू होने से पहले अंतिम चरण में है.New Railway Line
बताया जा रहा है कि पूर्वोत्तर सीमांत सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) सुमीत सिंघल ने पिछले दिनों 33.86 किलोमीटर लंबे होर्टोकी-सैरांग स्टैच का निरीक्षण किया था. माना जा रहा है कि इस महीने बैराबी-सैरांग रेल लाइन का औपचारिक उद्घाटन किया जा सकता है. मिजोरम में अभी तक महज 1.5 किलोमीटर तक ही ट्रेन जा पाई है.New Railway Line
रेलवे ट्रैक के निरीक्षण का काम अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही मिजोरम की राजधानी अब राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क के साथ एकीकृत हो गई है. जल्द ही पूरी लाइन पर ट्रेनें चलने लगेंगी. 51.38 किलोमीटर लंबे बैराबी-सैरांग न्यू लाइन रेलवे प्रोजेक्ट में 48 सुरंगें (कुल लंबाई 12,853 मीटर), 55 बड़े पुल और 87 छोटे पुल आते हैं. इन पुलों में से एक पुल (पीलर नंबर 196) की ऊंचाई 104 मीटर है, जो दिल्ली के प्रतिष्ठित कुतुब मीनार से 42 मीटर अधिक है.New Railway Line
इस प्रोजेक्ट में पांच रोड ओवरब्रिज और 6 रोड अंडरब्रिज भी शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट को चार खंडों में बांटा गया है- होर्टोकी-कावनपुई, बैराबी-होर्टोकी, कावनपुई-मुआलखांग और मुआलखांग-सैरांग.New Railway Line
बैराबी-सैरांग प्रोजेक्ट रेल मंत्रालय की ओर से पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की राजधानियों को रेल से जोड़ने की मुहिम का अहम हिस्सा है. इसमें असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर और त्रिपुरा में कई नई लाइन और दोहरीकरण की परियोजनाएं शामिल हैं. हालांकि इसमें मेघालय में काम शुरू नहीं हो सका है क्योंकि यहां स्थानीय लोगों प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं.