Smart Meter ने फिर किया कमाल, उपभोक्ताओं को आए लाखों के बिजली बिल, शिकायतों की लग गई लाइन
Smart Meter : बिजली चोरी, लाइन लॉस और बिलिंग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर अब उपभोक्ताओं के लिए एक नई परेशानी बन रहे हैं। कई इलाकों में उपभोक्ताओं से अचानक तीन से चार महीने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये तक का बिजली बिल लिया जा रहा है, जिससे आम जनता परेशान है।
Smart Meter : चंदौसी। बिजली चोरी, लाइन लॉस और बिलिंग में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर अब उपभोक्ताओं के लिए एक नई परेशानी बन रहे हैं। कई इलाकों में उपभोक्ताओं से अचानक तीन से चार महीने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये तक का बिजली बिल लिया जा रहा है, जिससे आम जनता परेशान है। हालांकि, बिजली विभाग का कहना है कि यह तकनीकी गड़बड़ी का मामला है और बिलों को जल्द ही संशोधित किया जाएगा, लेकिन फिर भी उपभोक्ताओं को विभाग के चक्कर लगाने होंगे।Smart Meter
चंदौसी क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया इस साल की शुरुआत से शुरू की गई थी। पहले चरण में इन मीटरों को सरकारी कार्यालयों और भवनों में लगाया जाना था। इसके बाद इन्हें यहां आम उपभोक्ताओं के लिए स्थापित किया जाता है। अब तक शहर के लगभग एक तिहाई हिस्से में यह काम पूरा हो चुका है। लेकिन जैसे ही इन मीटरों का पहला बिल आया, उपभोक्ता हैरान रह गए।Smart Meter
मौलागढ़ के अंबेपुरम निवासी नवनीत सिंह ने कहा कि उनके घर पर चार महीने पहले स्मार्ट मीटर लगाया गया था। तब से, कोई मीटर रीडिंग या बिल नहीं है। अब जब पहली बार बिल जारी किया गया है, तो यह लगभग डेढ़ लाख रुपये है।Smart Meter
नवनीत का कहना है कि उन्होंने अपने सभी पुराने बिलों का समय पर भुगतान कर दिया है, इसके बावजूद, इतनी बड़ी राशि का बिल प्राप्त करना बहुत चौंकाने वाला है। इसी तरह इलाके की एक अन्य निवासी मिथलेश देवी पर भी तीन महीने के लिए लगभग एक लाख रुपये का बिजली बिल लगाया गया है।Smart Meter
उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया है, जहां उन्हें आश्वासन मिला है कि बिल में संशोधन किया जाएगा। इनके अलावा कई और लोग हैं जो बिजली विभाग के कार्यालय में बिल और पढ़ने की जानकारी नहीं मिलने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।Smart Meter
बिजली विभाग के एसडीओ अजय कुमार चौरसिया ने बताया कि वर्तमान में स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है और कुछ नए मीटरों को बिल बनाने में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की खामियों को वर्तमान में मैन्युअल रूप से ठीक किया जा रहा है और विभाग लगातार इसकी निगरानी कर रहा है। वहीं, कार्यकारी अभियंता दीपाल श्रीवास्तव ने कहा कि अभी तक उनके संज्ञान में ऐसी कोई बड़ी शिकायत नहीं आई है, लेकिन अगर किसी उपभोक्ता को वास्तविक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, तो विभाग इसकी पूरी जांच करेगा और उचित समाधान देगा।Smart Meter