भगवानों का घर, ऋषिकेश का 13 मंजिला मंदिर, जिसकी हर मंजिल में बसा है एक रहस्य
Triyambakeshwar temple rishikesh : ऋषिकेश. उत्तराखंड को देवभूमि ऐसी ही नहीं कहा जाता है. यहां मंदिरों की बाढ़ है. हर मंदिर अपने आप में अनूठा है. ऐसी ही एक मंदिर ऋषिकेश में है. इसे त्र्यंबकेश्वर मंदिर कहते हैं जो आस्था, वास्तुकला और पर्यटन का एक अद्भुत मेल है. यह मंदिर केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि अपनी भव्यता और अनोखी संरचना के कारण भी लोगों को आकर्षित करता है. गंगा नदी के किनारे और मशहूर लक्ष्मण झूला के पास स्थित यह मंदिर 13 मंजिल ऊंचा है और इसकी हर मंजिल पर विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं.
प्रवेश करते ही…
The Bikaner News के साथ बातचीत में पंडित धर्मानंद उनियाल कहते हैं कि करीब तीन दशक पहले स्वामी कैलाशानंद महाराज की ओर से बनवाया गया यह मंदिर आज ऋषिकेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिना जाता है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यही है कि हर मंजिल पर एक नई अनुभूति, एक नया देव दर्शन होता है. मंदिर में भगवान शिव, विष्णु, गणेश, दुर्गा, हनुमान, श्रीराम जैसे प्रमुख देवताओं के साथ कई अन्य देवताओं की मूर्तियां विराजमान हैं. श्रद्धालु जब इस मंदिर में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें न केवल अध्यात्म की अनुभूति होती है, बल्कि हर मंजिल चढ़ते हुए एक नई आस्था का अनुभव भी होता है.
इसलिए और खास
मंदिर के अंदर ही कई छोटी दुकानें भी हैं, जहां से श्रद्धालु रुद्राक्ष, तुलसी की मालाएं, धातु की अंगूठियां और पूजा सामग्री खरीद सकते हैं. यह बाजार मंदिर को एक धार्मिक हाट जैसा स्वरूप देता है, जो श्रद्धा के साथ-साथ सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है. गंगा नदी के किनारे होने के कारण यहां का वातावरण अत्यंत शुद्ध और शांतिपूर्ण रहता है. नदी की बहती धारा, मंदिर की घंटियों की आवाज और भक्तों के उच्चारित मंत्र मिलकर एक दिव्य वातावरण का निर्माण करते हैं. स्थानीय लोग भी इस मंदिर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते हैं जिससे यह केवल पर्यटकों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए भी बेहद महत्त्वपूर्ण स्थान है.