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PM Vidya Lakshmi Yojana: पढ़ाई के बीच में अब पैसा नहीं डालेगा अड़ंगा! सरकार दे रही कम ब्याज पर लोन 

जाने ब्याज दर, स्टेटस, लाभ, पात्रता

 
PM Vidya Lakshmi Yojana

PM Vidya Lakshmi Yojana: उच्च शिक्षा के लिए ऋण लेने वाले छात्रों के लिए यह अच्छी खबर है। पंजाब नेशनल बैंक ने प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना के तहत शिक्षा ऋण दरों में 20 आधार अंकों की कटौती की है। इससे अब ऋण लेने वाले छात्रों को कम ब्याज दर चुकानी पड़ेगी। इस सरकारी योजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा के लिए ऋण प्रक्रिया को सरल बनाना और इसे कम ब्याज दरों पर उपलब्ध कराना है। अगर आप इस योजना के तहत लोन लेने पर विचार कर रहे हैं तो इसके बारे में सबकुछ जान लें।

प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी योजना क्या है?
यह एक केंद्र सरकार की योजना है जो स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रम करने वाले छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। यह योजना देश के 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (क्यूएचईआई) में योग्यता के आधार पर प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर लागू है। भारतीय नागरिक, एनआरआई, तथा किसी योग्य उच्च शिक्षा संस्थान में स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कर रहे भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) छात्र इस योजना के अंतर्गत पात्र हैं।

ब्याज दर क्या है?
पीएनबी ने शिक्षा ऋण पर ब्याज दर में 0.20 प्रतिशत की कटौती की है। अब इस योजना के तहत ब्याज दर 7.50 प्रतिशत प्रति वर्ष से शुरू होती है। यह दर कंपनी की गुणवत्ता रेटिंग पर निर्भर करती है। ऋण प्राप्त करने के लिए किसी गारंटर की आवश्यकता नहीं है, लेकिन माता-पिता को संयुक्त उधारकर्ता होना चाहिए।

इस योजना के तहत केवल उन्हीं विद्यार्थियों को ऋण उपलब्ध है, जिन्होंने देश के 860 गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षण संस्थानों में योग्यता के आधार पर प्रवेश प्राप्त किया हो। यदि छात्र तकनीकी या व्यावसायिक पाठ्यक्रम कर रहे हैं, तो उनकी वार्षिक पारिवारिक आय 2 लाख रुपये होनी चाहिए। यदि यह 4.5 लाख रुपये तक है तो उन्हें ब्याज पर 100 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। आय 4.5 लाख रु. से 8 लाख रुपये तक है तो ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।

नियम और शर्तें:
यदि कोई छात्र AAA या AA रेटिंग वाले संस्थान में अध्ययन कर रहा है, तो उसे ऋण लेने के लिए कोई मार्जिन देने की आवश्यकता नहीं है। अन्य संस्थाओं में 4 लाख रुपये तक लोन के लिए कोई मार्जिन देने की आवश्यकता नहीं है। 4 लाख रुपये से अधिक के ऋण पर 5 प्रतिशत का मार्जिन देना होगा। ऋण राशि छात्र की आवश्यकताओं के आधार पर निर्धारित की जाती है।