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Success Story: जानिए कोण है 22 साल में UPSC क्रेक करने वाली यह खूबसूरत IAS लेडी, कैसे पार किया मुश्किल भरा सफर 

चंद्रज्योति सिंह को अपने खून से देश के लिए कुछ करने की भावना है और इसलिए वह शुरू से ही देश और समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती थी और इसी सोच के कारण, उसने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास करने का संकल्प लिया और शुरू से ही अपने लक्ष्य के लिए प्रयास करना शुरू कर दिया। Success Story
 
22 साल में UPSC क्रेक करने वाली यह खूबसूरत IAS लेडी, कैसे पार किया मुश्किल भरा सफर

Success Story Chandrajyoti Singh IAS : यह ज्ञात है कि चंद्रज्योति सिंह बचपन से ही बहुत मेधावी रहे हैं और उनमें देशभक्ति की भावना अंतर्निहित है, इसके पीछे का कारण उनके घर का माहौल है। चंद्रज्योति सिंह के पिता सेना में कर्नल थे, जबकि उनकी माँ लेफ्टिनेंट थीं। उनके पिता का नाम मोहम्मद हबीबुर रहमान खान और मां का नाम मोसमत फातिमा खानम है।
 

इस आई. एफ. एस. की कहानी अद्भुत है, पति एक आई. ए. एस. है, भाई एक डिप्टी कलेक्टर है, सुंदरता मां में मॉडलों को देती हैःसफलता की कहानीः इस आई. एफ. एस. की कहानी अद्भुत है, पति एक आई. ए. एस. है, भाई डिप्टी कलेक्टर है, सुंदरता में मॉडलों को हरा देता है

 

देशभक्ति के कारण बढ़ा यूपीएससी का क्रेज


इसलिए, चंद्रज्योति सिंह को अपने खून से देश के लिए कुछ करने की भावना है और इसलिए वह शुरू से ही देश और समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहती थी और इसी सोच के कारण, उसने देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक को पास करने का संकल्प लिया और शुरू से ही अपने लक्ष्य के लिए प्रयास करना शुरू कर दिया। Success Story

 

सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक

आपको बता दें कि चंद्रज्योति सिंह ने चंडीगढ़ के भवन विद्यालय से 12वीं की परीक्षा 95.4 प्रतिशत अंकों के साथ पास की, जिसके बाद उन्होंने 2018 में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया और उसके बाद सिंह ने एक साल के लिए ब्रेक लिया और इसकी तैयारी शुरू कर दी।

 

जी. के. बढ़ाने के लिए चंद्रज्योति पेपर पढ़ती थी
वह रोजाना 6-7 घंटे पढ़ती थी और अपने जी. के. को बढ़ाने के लिए पेपर पढ़ती थी। एक साल तक चंद्रज्योति सिंह ने केवल अपनी परीक्षा के बारे में सोचा और अपने दिमाग में और कुछ नहीं आने दिया।Success Story

 

चंद्रज्योति ने 28वीं अखिल भारतीय रैंक के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की।
उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की, लेकिन एक कठिन समय सारिणी का पालन किया और उनकी कड़ी मेहनत का फल मिला और उन्होंने वर्ष 2019 में अपने पहले प्रयास में अखिल भारतीय रैंक 28 के साथ परीक्षा उत्तीर्ण की। उनका प्रशिक्षण मसूरी में हुआ। फिर चार महीने तक वह विदेश मंत्रालय में सहायक सचिव के पद पर रहीं और अब उन्हें उप-मंडल मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात किया गया।

 

सुंदरता में अभिनेत्रियों को पछाड़ने वाले चंद्रज्योति सिंह का मानना है कि "अगर कोई सकारात्मक सोच और ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करता है, तो हर स्थिति में लक्ष्य हासिल किए जाते हैं।वह सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय हैं।Success Story

 

सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है, कड़ी मेहनत ही सफलता का मार्ग है।
वह कहती हैं, "जीवन एक बार आता है, इसे पूरी तरह से जीना चाहिए और सफलता के लिए केवल एक ही मूल मंत्र है और वह है कड़ी मेहनत, इसका कोई शॉर्टकट नहीं है। इसलिए, असफलता से न डरें और थोड़ी सी सफलता मिलने के बाद अपने दिमाग को भटकने न दें।