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Success Story: लोगों के ताने सुनकर बढ़ा हौसला! बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर ये महिला बनी IPS अधिकारी, जानें इनका संघर्ष 

इल्मा जब 14 साल की थी, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई. उसके बाद घर को चलाने वाला कोई नहीं था. जब इल्मा ने घर संम्भाला तब वे खुद बच्ची थी. तब उनकी मां ने अपने पैरों पर खड़े होकर इल्मा की जिम्मेदारी संभाली और उसे आईपीएस अफसर बनाकर एक बड़ा मुकाम हासिल किया .IPS Ilma Afroz  Success Story

 
Success Story: लोगों के ताने सुनकर बढ़ा होशला! बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर ये महिला बनी IPS अधिकारी, जानें इनका संघर्ष 

IPS Ilma Afroz  Success Story : देश के हर बच्चे का सपना होता है कि वो बड़ा होकर IAS या IPS अधिकारी बनें. बहुत से लोग अपनी मजबूरी करके अपने सपने को पूरा नहीं पाते है.

 

आज हम आपको एक ऐसी महिला अधिकारी के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने ने मात्र 14 साल की उम्र में घर को संभलना शुरू कर दिया. हम बात कर रहे है IPS इल्मा इफरोज (IPS Ilma Afroz) की. इल्मा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्थित एक छोटे से कस्बे कुंदरकी की रहने वाली हैं.

 

इल्मा जब 14 साल की थी, तब उनके पिता की मृत्यु हो गई. उसके बाद घर को चलाने वाला कोई नहीं था. जब इल्मा ने घर संम्भाला तब वे खुद बच्ची थी. तब उनकी मां ने अपने पैरों पर खड़े होकर इल्मा की जिम्मेदारी संभाली और उसे आईपीएस अफसर बनाकर एक बड़ा मुकाम हासिल किया .IPS Ilma Afroz  Success Story

इल्मा अफरोज बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में बहुत होशियार थी. इल्मा ने अपनी स्कूली पढ़ाई मुरादाबाद के एक स्कूल से की और दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज  से फिलॉसफी  में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.

इल्मा के पास विदेश जाने के रुपये नहीं थे. इल्मा के गांव के एक दादा जी ने उनकी मदद की और फिर वो विदेश चली गई. उसके बाद इल्मा विदेश में जाकर अपनी मेहनत से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.IPS Ilma Afroz  Success Story

न्यूयॉर्क में स्थित Financial Estate कंपनी में नौकरी करने का मौका मिला था, लेकिन इल्मा का कहना था कि मेरी सरी पढ़ाई पर पहले मां और उनके देश का हक है. इसलिए इल्मा विदेश छोड़कर अपने देश में वापिस आ गई.IPS Ilma Afroz  Success Story

वापिस आने के बाद इल्मा ने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के साथ UPSC की तैयारी की साल 2017 में UPSC की परीक्षा पास करके 217वीं  रैंक हासिल करके IPS अधिकारी बनी.