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Sucess Story : पिता के सपनों को साकार करने के लिए आईपीएस को छोड़कर बनी आईएएस

पिता के सपनों को साकार करने के लिए शुरुआत से ही कड़ी मेहनत की। मुद्रा गैरोला ने बीडीएस कर चुकी थी और एमडीएस की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन उसका पिता का सपना था कि उसकी बेटी आईएएस बने। पिता के सपनों को साकार करने के लिए मुद्रा गैरोल ने एमडीएस की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया।
 
Sucess Story : पिता के सपनों को साकार करने के लिए आईपीएस को छोड़कर बनी आईएएस

Sucess Story : जिंदगी में कुछ करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति पहले ही लक्ष्य निर्धारित कर लेता है और उसमें सफलता भी हासिल कर लेता है, लेकिन अगर कोई लक्ष्य ही नहीं बनता है तो उसको सफलता मिलने की संभावनाएं बहुत ही कम हो जाती है। ऐसी की कहानी  वर्ष 2022 बैच की आईएएस मुद्रा गैरोला की है। 

जिन्होंने अपने पिता के सपनों को साकार करने के लिए शुरुआत से ही कड़ी मेहनत की। मुद्रा गैरोला ने बीडीएस कर चुकी थी और एमडीएस की पढ़ाई कर रही थी। लेकिन उसका पिता का सपना था कि उसकी बेटी आईएएस बने। पिता के सपनों को साकार करने के लिए मुद्रा गैरोल ने एमडीएस की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया। 

वर्ष 2019 में तैयारी शुरू कर दी। जहां पर 2019 व 2020 की यूपीएससी की परीक्षा में उनको सफलता हासिल नहीं की, लेकिन उसने ठान लिया था कि पिता के सपनों को पूरा करना है। इसलिए वर्ष 2021में यूपीएससी की फिर से परीक्षा दी। इसमें वह आईपीएस बन गई, लेकिन आईपीएस से मुद्रा  गैरोल खुश नहीं थी। इसलिए उन्होंने वर्ष 2022 का फिर से परीक्षा दी। इसमें 53वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लियर कर आईएएस बनने का अपना व पिता का सपने को पूरा कर दिया। 

शुरुआत से ही पढ़ाई में टाप रही मुद्रा 


वर्ष 2022 बैच की आईएएस मुद्रा गैरोल पढ़ाई में शुरुआत से ही टाप रही है। उसकी पढ़ाई में रुचि देखकर ही परिवार के लोगों ने उसको असफर बनाने की ठान ली थी। मुद्र गैरोल ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक लिए थे। इसके बाद 12वीं बोर्ड में 97 प्रतिशत अंक हासलि किए। 

स्कूल की पढ़ाई के दौरान उनको पहली महला आईपीएस किरण बेदी के हाथों सम्मानित होने का मौका मिला था। वहां से भी उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होने की प्रेरणा मिली थी।

आपको बता दे कि मुद्रा गैरोला उत्तराखंड के चमोली जिले के गांव कर्णप्रयाग की रहने वाली है। हालांकि उनका परिवार लंबे समय से दिल्ली में रहता है। इसके बाद उन्होंने बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स में एडमिशन ले लिया। इसमें भी वह कालेज में गोल्ड मेडल मिला।