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Rajasthan: 1500 करोड़ घाटे के बाद सरकार ले सकती है बड़ा एक्शन, इस पॉवर प्लांट निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

Rajasthan: राजस्थान में इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दे की बाड़मेर में गिरल बिजली संयंत्र को लेकर अब सरकारी स्तर पर प्रयास तेज किए जा रहे हैं।


2000 करोड़ रुपये की लागत वाले इस बिजली संयंत्र में 1500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने के बाद स्थिति यह है कि इसे 500 करोड़ रुपये का भी खरीदार नहीं मिल रहा है।

ऐसे में सरकार अब इस बात पर विचार कर रही है कि इसे किसी निजी कंपनी द्वारा चलाया जाए।


अधिक जानकारी के लिए बता दे की गिरल लिग्नाइट पॉवर प्लांट 2014 से सरकार के लिए एक दुविधा बना हुआ है। 125-125 मेगावाट की दोनों इकाइयां बंद पड़ी हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण मशीनों में 6 प्रतिशत सल्फर कोयला डाला गया और पूरे संयंत्र का दम घुट गया।


कोयले को बदलने के बजाय, मशीनों के घटकों को बदलने में समय बर्बाद किया गया। दूसरी ओर, कपूरडी और जलिपा की खदानों से अच्छा कोयला मिलता था। जिसमें केवल 1 प्रतिशत सल्फर था, वह भद्रेस के निजी बिजली संयंत्र तक पहुंच गया।

कोयले पर निर्णय होने के बाद इस सरकारी उपक्रम को सरकार (Rajasthan Goverment) चलाएगी या फिर निजी हाथों में देना है, इस पर अंतिम निर्णय की तैयारियां है।

कोयले पर निर्णय होने के बाद इस सरकारी उपक्रम को सरकार (Rajasthan Goverment) चलाएगी या फिर निजी हाथों में देना है, इस पर अंतिम निर्णय की तैयारियां है। जानकारी के अनुसार 2000 करोड़ के करीब की लागत से बने इस पॉवर प्लांट (Power Plant) से 1500 करोड़ रुपए का घाटा हो चुका है। अब इस पॉवर प्लांट की लागत कीमत 2000 करोड़ छोड़िए, 500 करोड़ तक भी कोई निवेशक लेने को तैयार नहीं है। वजह उनको इस पर बड़ी रकम लगानी पड़ेगी।

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