ग्राम पंचायत पुनर्गठन पर भड़के कबीर बस्ती के ग्रामीण, मतदान बहिष्कार और आंदोलन की चेतावनी
जैसलमेर।कैलाश बिस्सा। जिले के ग्रामदानी गांव कबीर बस्ती के ग्रामीणों ने राज्य सरकार द्वारा की गई ग्राम पंचायत पुनर्गठन घोषणा को अन्यायपूर्ण बताते हुए कड़ा विरोध जताया है। ग्रामीणों का कहना है कि पुनर्गठन से पहले उन्होंने ग्राम कबीर बस्ती को स्वतंत्र ग्राम पंचायत मुख्यालय घोषित करने की मांग की थी, ताकि अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों को कथित प्रताड़ना, मारपीट, पुलिस कार्यवाही और प्रलोभन जैसी समस्याओं से राहत मिल सके।
ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी आपत्तियों और सहमति के बिना कबीर बस्ती को ग्राम पंचायत र्खीया, पंचायत समिति मोहनगढ़ से जोड़ दिया गया, जो करीब 15 किलोमीटर दूर है। मोहनगढ़ आने-जाने के साधन नहीं होने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ग्रामीणों ने इसे अनुसूचित जाति बाहुल्य गांव के साथ “दंडात्मक निर्णय” बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि उनका पैतृक गांव पारेवर है, जहां उनके पुराने मकान भी मौजूद हैं। पंचायत समिति बदलने से प्रत्येक व्यक्ति को अपने दस्तावेजों में बदलाव कराना पड़ेगा, जिससे आर्थिक बोझ और समय की बर्बादी होगी। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर व उपखंड अधिकारी जैसलमेर को ज्ञापन देकर मांग की है कि गांव कबीर बस्ती को ग्राम पंचायत खींया से पृथक कर पुनः ग्राम पंचायत पारेवर में शामिल करें जिसकी प्रतिलिपी राजस्थान सरकार के पंचायती राज मंत्री को भी भेजी गई है l ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि न्यायपूर्ण पुनर्गठन नहीं किया गया तो वे आगामी मतदान का बहिष्कार करेंगे और धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

