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Kolkata: कोलकाता की सड़कों पर तेजी से गायब हो रही पीली टेक्सी, जाने इसके पीछे की असली वजह

 
Kolkata: कोलकाता की सड़कों पर तेजी से गायब हो रही पीली टेक्सी, जाने इसके पीछे की असली वजह

Yellow Taxi kolkata: कोलकाता की सड़कों पर लंबे समय से पहचान चुकी पीली टैक्सी अब गायब होती नजर आ रही हैं कोलकाता की सड़कों पर 1940 दशक से सड़क पर पीली टैक्सी ने अपनी पहचान बनाई हुई है यह पीली टैक्सी कोलकाता की संस्कृति की पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाई है.


इसके अलावा यह पीली टैक्सी कोलकाता वासियों के लिए सस्ती और विश्वसनीय सेवा देने का भी काम करती थी पर आजकल कोलकाता की सड़कों पर पीली टैक्सी गायब होती नजर आ रही है।


कोलकाता की सड़कों पर 1940 के दशक से लेकर पीली टैक्सी दौड़ती नजर आ रही है पर अब सरकार द्वारा 15 साल पुराने वाहनों पर रोक लगा दी है.


कोलकाता की सड़कों पर पीली टैक्सी कोलकाता की सान ओर पहचान बन चुकी थी इसके अलावा यह पीली टैक्सी कोलकाता की संस्कृति और इतिहास का हिस्सा रही हैं यह पीली टैक्सी कोलकाता की जान ओर पहचान है।


पुराने समय से पर्यटकों की पसंदीदा रही पीली टैक्सी अब कोलकाता की सड़कों पर गायब होती नजर आ रही है इन पीली टैक्सी को पुरानी होने के कारण बंद किया गया है। बढ़ते प्रदूषण के कारण सरकार ने इन टैक्सियों पर रोक लगा दी है।

पीली टैक्सी का निर्माण

पीली टैक्सी कोलकाता में 1940 के दशक से चलती आ रही है इन पीली टैक्सी में यात्रियों को सस्ती यात्रा के साथ साथ कोलकाता की सान भी माना जाता है इन टैक्सियों की शुरुवात ब्रिटिश शासन काल में किया गया था इन पीली टैक्सी को ब्रिटिश कंपनी लकमा ने निर्मित की गई थी .


इन पीली टैक्सी का कोलकाता वासियों को बहुत फायदा था इसमें यात्रियों को सस्ती और आरामदायक यात्रा करने को मिलती थी कोलकाता की संस्कृति में इन पीली टैक्सी का अहम योगदान था।

पीली टैक्सी का गायब होने का कारण

कोलकाता की सड़कों पर पीली टैक्सी 1940 से चली आ रही है पर अब टैक्सियों का मेंटीनेंस ओर रखरखाव कर पाना मुश्किल हो जाता है बढ़ती टेक्नोलॉजी, परिवहन नियम और पर्यावरण प्रदूषण के चलते कोलकाता इन पीली टैक्सी को हटाया जा रहा है।


टैक्सी के पुराने मॉडल, लगातार बढ़ती रखरखाव लागत, और सख्त नियमों ने इसे अव्यावहारिक बना दिया है। वहीं इसकी जगह अब Ola, Uber जैसे कैब सेवाओं ने अरसे से चल रही है टैक्सी सेवा की जगह ले ली है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, 15 साल से पुराने सभी कॉमर्शियल वाहनों को स्क्रैप करना होगा।