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Rajasthan High Court ने सुनाया अहम फैसला, शरीर पर बर्थमार्क भर्ती में नहीं बनेगी बाधा,

Rajasthan High Court: राजस्थान में इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दे की राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan Highcourt ) ने पैरामिलिट्री फोर्सेज के लिए आयोजित भर्ती में महिला अभ्यर्थी को उसके पीठ पर जन्मजात काले निशान के कारण अयोग्य घोषित करने को गलत माना है.

इसके साथ ही अदालत ने अन्य कारण से अपात्र नहीं होने पर महिला अभ्यर्थी को चार सप्ताह में नियुक्ति देने को कहा है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश रामकला वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

मेडिकल बोर्ड के आदेशों को किया रद्द

अदालत ने मामले में मेडिकल बोर्ड ( Medical Borad ) के आदेशों को रद्द करते हुए कहा कि रिव्यू मेडिकल बोर्ड ने माना कि बर्थ मार्क से गर्म और आर्द्र जलवायु में जलन पैदा हो सकती है और इससे ड्यूटी में बाधा उत्पन्न हो सकती है, जबकि स्वतंत्र विशेषज्ञ की रिपोर्ट के अनुसार बर्थ मार्क (Berth mark ) से कोई जोखिम नहीं होगा. ऐसे में याचिकाकर्ता को अनफिट करार देने का कोई चिकित्सीय कारण नहीं है.

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद और सुनील कुमार सैनी ने बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 24 नवंबर, 2023 को पैरामिलिट्री फोर्सेज (Paramilitary forces ) में कांस्टेबल पद के लिए भर्ती निकाली थी, जिसकी 7 मार्च, 2024 को आयोजित लिखित परीक्षा में याचिकाकर्ता पास हो गई. वहीं 8 नवंबर को हुए फिजिकल (Physical) में भी उसे सफल घोषित कर दिया.

याचिका में कहा गया कि अजमेर में 9 नवंबर, 2024 को हुए मेडिकल में उसे उसकी पीठ पर बने बर्थ मार्क मेलानोसाइटिक नेवस के कारण अनफिट बताकर चयन से बाहर कर दिया. इसके बाद याचिकाकर्ता की प्रार्थना पर गठित रिव्यू मेडिकल बोर्ड ने भी उसे अनफिट बताया.

बर्थ मार्क (Berth mark )से ड्यूटी करने में कोई बाधा नहीं

अधिक जानकारी के लिए बता दे की याचिका में कहा गया कि बर्थ मार्क (Berth mark )से ड्यूटी करने में कोई बाधा नहीं है और ना ही यह संक्रामक है. मामले में अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के चिकित्सक की स्वतंत्र राय ली गई.

उसने भी बर्थ मार्क को सामान्य और नौकरी में बाधा नहीं डालने वाला बताया, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ( Rajasthan Highcourt ) ने याचिकाकर्ता को चार सप्ताह में नियुक्ति देने को कहा है.

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