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Rajasthan Upcoming Vacancy : नई भर्तियों को लेकर आया ये अपडेट

राजस्थान खबर:– Rajasthan Upcoming Vacancy 2024: लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण बेरोजगारों की खुशियों पर ग्रहण लग गया है। राज्य सरकार की ओर से इस साल 70 हजार नई भर्तियों का ऐलान किया गया था, लेकिन घोषणा के बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। ऐसे में सरकार नई भर्तियों के लिए विज्ञप्ति जारी नहीं कर पा रही है।

दूसरी तरफ कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित सूचना सहायक, एएनएम, जीएनएम और कनिष्ठ लेखाकार सहित 7 भर्ती परीक्षाओं के परिणाम भी आचार संहिता के कारण घोषित नहीं हो पा रहे। इन भर्तियों के परिणाम जारी होने से प्रदेश के करीब 17 हजार बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलनी है। वहीं, राजस्थान लोक सेवा आयोग की भी कई भर्तियों के परिणाम जारी होने में देरी हो रही है।

मिलनी चाहिए छूट
एक्सपर्ट का मानना है कि जिन भर्तियों की परीक्षाएं पहले से हो चुकी है उनके परिणाम की छूट निर्वाचन आयोग को देनी चाहिए। भर्तियों के परिणाम में देरी से कलैण्डर प्रभावित होता है। इसका खामियाजा बेरोजगारों को भुगतना पड़ रहा है। कई भर्तियां तो पिछली सरकार के समय से अटकी हुई है।

शिक्षक भर्ती: इस साल प्रथम श्रेणी व्याख्याता व द्वितीय श्रेणी में लगभग 15 हजार पदों पर भर्ती होने की उम्मीद है। प्रदेश के दस लाख से अधिक बेरोजगारों को शिक्षा विभाग की इन भर्तियों का इंतजार है। वहीं, बेरोजगारों की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए रीट परीक्षा कराए जाने की मांग भी उठने लगी है।

सीएचओ भर्ती: प्रदेश में अभी तक एक ही सीएचओ भर्ती हुई है। जबकि देश के अन्य राज्यों में दो से तीन सीएचओ भर्ती हो चुकी हैं। पिछली सरकार के समय नकल की वजह से सीएचओ परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। ऐसे में अब बेरोजगारों की ओर से नई सीएचओ भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी करने की मांग भी की जा रही है।

परीक्षाएं भी लोकसभा के नतीजों के बाद
कर्मचारी चयन बोर्ड की ज्यादातर परीक्षाएं अब लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद होनी हैं। इसमें महिला पर्यवेक्षक, कम्प्यूटर अनुदेशक फिटर, छात्रावास अधीक्षक, लिपिक ग्रेड द्वितीय, सीईटी, स्टेनोग्राफर व पशुचर सहित अन्य भर्तियां शामिल हैं। इन परीक्षाओं में 25 लाख से अधिक युवाओं के शामिल होने की उम्मीद है।


चयनितों को करना होगा इंतजार
चिकित्सा विभाग में आठ कैडर की भर्तियों में चयनित बेरोजगारों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। पिछले साल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण संस्थान ने विज्ञप्ति जारी की थी। मामला अभी तक दस्तावेज सत्यापन में उलझा हुआ है। हालांकि पिछले दिनों चिकित्सा विभाग ने बाहरी राज्य के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन का काम शुरू कर दिया है। इस महीने टीमों की ओर से रिपोर्ट दी जाएगी। यदि आयोग से अनुमति मिली, तो इन भर्तियों के चयनितों को भी नौकरी मिल सकती है।

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