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Rajasthan News: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर राजस्थान में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा एनिमल ओवर पास

एक्सप्रेस-वे इंजीनियरों ने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर रणथभौर टाइगर रिजर्व और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बीच एक जंगल का प्राकृतिक कॉरिडोर है। यहां बाघ समेत अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट रहता है। ऐसे में, प्राकृतिक कॉरिडोर और वन्यजीवों के मूवमेंट एरिया को बनाए रखने के लिए बूंदी जिले के लाखेरी के निकट भावपुरा और बालापुरा गांवों के बीच कॉरिडोर के 100 मीटर चौडी और साढ़े तीन किमी क्षेत्र में टनल बनाई गई है।
 
Rajasthan News: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर राजस्थान में बनेगा एशिया का सबसे बड़ा एनिमल ओवर पास

Rajasthan News: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे (भारतमाला प्रोजेक्ट) पर हाड़ौती में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विश्व स्तरीय इंतजाम किए गए हैं। एक्सप्रेस-वे पर बूंदी जिले के लाखेरी में विश्व स्तरीय कृत्रिम एनिमल ओवरपास बनाया गया है। इस ओवरपास के नीचे से वाहन 120 किमी की रफ्तार से फर्राटे तो भरेंगे ही, साथ ही इसके ऊपर वन्यजीव निर्बाध विचरण भी कर सकेंगे। 

इसी प्रकार, एक्सप्रेस-वे पर मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में दरा टनल के ऊपर पहाड़ी पर वन्यजीवों और उनके जीवन में कोई खलल नहीं पड़ेगा।

एक्सप्रेस-वे इंजीनियरों ने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर रणथभौर टाइगर रिजर्व और बूंदी के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बीच एक जंगल का प्राकृतिक कॉरिडोर है। यहां बाघ समेत अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट रहता है। ऐसे में, प्राकृतिक कॉरिडोर और वन्यजीवों के मूवमेंट एरिया को बनाए रखने के लिए बूंदी जिले के लाखेरी के निकट भावपुरा और बालापुरा गांवों के बीच कॉरिडोर के 100 मीटर चौडी और साढ़े तीन किमी क्षेत्र में टनल बनाई गई है।

 इसके ऊपर मिट्टी की करीब साढ़े तीन मीटर मोटी परत बिछाकर क्षेत्र में पाए जाने वाले 20 हजार जंगली पेड़-पौधे लगाए गए हैं। ऐसे में वन्यजीवों को टनल का यह ऊपरी हिस्सा जंगल से अलग नहीं लगेगा और यहां वन्यजीवों का प्राकृतिक मूवमेंट बना रहेगा।

इसी प्रकार, मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व की 3.3 किलोमीटर पहाड़ी को खोदकर टनल बनाई गई है। इसके ऊपर वन्यजीव के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यहां पहाड़ी की चौड़ाई काफी अधिक होने के बावजूद, दोनों ओर बनने वाले कट एंड कर्व के सहारे ऊंची दीवारें बनाकर पौधरोपण किया जाएगा। इससे वन्यजीव कट एंड कर्व की ओर से नहीं आ सकेंगे।

दुनिया के सबसे बड़े ओवरपास में से एक

दुनिया में अपनी वाइल्डलाइफ को बचाने और उनके कॉरिडोर व प्राकृतिक हैबिटेट को बनाए रखने के लिए ओवरपास बनाए गए हैं। इसमें कनाडा के अल्बर्टा बनफ नेशनल पार्क, नीदरलैंड के हिलवर्सम, वाशिंगटन में स्नोक्वाल्मी पास, इंग्लैंड के चेशायर के नट्सफोर्ड-बोडन हाई-वे और सिंगापुर में भी इकोलिंक से एनिमल ओवरपास बनाए गए हैं, लेकिन ये कुछ मीटर आकार के ही थे। इनकी तर्ज पर महाराष्ट्र के नागपुर में भी एनिमल ओवरपास बनाए गए हैं, लेकिन हाड़ौती में ओवरपास का आकार काफी विशाल है। लाखेरी में 500-500 मीटर की लंबाई के 5 एनिमल ओवरपास बनाए गए हैं।

एक्सक्लूसिव डिजाइन से वन्यजीव और हाई-वे एक साथ
रणथभौर और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व तथा मुकुन्दरा टाइगर रिजर्व में एक्सप्रेस-वे के लिए टनल निर्माण के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने रिजर्व क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा और उनकी स्वच्छंद वितरण में रुकावट के बिना निर्माण की अनुमति दी। ऐसे में, वन्यजीवों के लिए एनिमल ओवरपास बनाते हुए इसे इस तरह से डिजाइन किया कि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इसे जल्दी से पर्यावरण स्वीकृति दे दी। दोनों टनल पर करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

मानव और वन्यजीव के बीच सेतु

एक्सप्रेस-वे की दोनों टनल (लाखेरी और दरा) को इस तरह डिजाइन किया गया है कि टनल में 120 किमी प्रति घंटा की गति से वाहनों की आवाजाही होने के बावजूद, इसके ऊपर एनिमल ओवरपास से निकलने वाले वन्यजीवों को हॉर्न बजाने के बावजूद वाहनों की आवाज नहीं आएगी। ऐसे में वन्यजीवों के जीवन व प्राकृतिक पर्यावरण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

एनएचएआई कोटा के परियोजना निदेशक संदीप अग्रवाल ने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर लाखेरी एनिमल ओवरपास बनाया गया है। इसी प्रकार मुकुन्दरा में पूरी पहाड़ी पर जंगली जानवर निर्बाध रूप से विचरण कर सकेंगे। दोनों टनल काफी विशाल हैं। दोनों पर करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यहां अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित की गई हैं।