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भारतमाला एक्सप्रेस-वे अब सेना के आएगा काम, पहले भी गरज चुके हैं फाइटर विमान, जेट

1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद अगड़वा क्षेत्र को महत्वपूर्ण सैन्य क्षेत्र के रूप में भी स्थापित करने की मंशा से एयरस्ट्रिप एरिया तैयार किया गया। बाड़मेर जिले से गुजरात में भुज एयर बेस के बीच के दायरे में अगड़ावा अब महत्वपूर्ण एरिया है।

 
भारतमाला एक्सप्रेस-वे अब सेना के आएगा काम, पहले भी गरज चुके हैं फाइटर विमान, जेट

Ind Vs Pak Live Updtate: भारतमाला एक्सप्रेस-वे का अगड़ावा क्षेत्र युद्धकालिक स्थिति में जरूरत पड़ने पर सेना के लिए महत्वपूर्ण बेस स्टेशन में तब्दील हो जाएगा। 9 सितंबर 2021 को यहां एयर स्ट्रिप हुई थी और भारतीय सेना के तमाम फाइटर विमान, जेट यहां गरजे थे।

1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद अगड़वा क्षेत्र को महत्वपूर्ण सैन्य क्षेत्र के रूप में भी स्थापित करने की मंशा से एयरस्ट्रिप एरिया तैयार किया गया। बाड़मेर जिले से गुजरात में भुज एयर बेस के बीच के दायरे में अगड़ावा अब महत्वपूर्ण एरिया है।

 जिसे केंद्र सरकार की ओर से आपात स्थिति के लिए तैयार करवाया गया। बता दें अगड़ावा से मात्र 40 किमी की दूरी पर पाकिस्तानी सीमा क्षेत्र लगता है। सामरिक दृष्टि से अगड़ावा हवाई पट्टी महत्वपूर्ण है और भविष्य में युद्धकालिक स्थितियों में अतिरिक्त विकल्प के रूप में मौजूद रहेगी। 

संसाधनों से युक्त इमरजेंसी हवाई पट्टी

बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा अगड़ावा में बनी इमरजेंसी हवाई पट्टी वायुसेना के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की 3 किमी. लंबाई और 33 मीटर चौड़ाई है। हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40 गुणा 180 मीटर आकार की दो पार्किंग भी बनाई गई है, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क किया जा सके। 

हवाई पट्टी का हो चुका है ट्रायल

जालोर जिले के सीमा क्षेत्रों से होकर गुजर रहा जामनगर-अमृतसर एक्सप्रेस अन्य एक्सप्रेस-वे खास है। अगड़ावा में 3 किलोमीटर से अधिक का दायरा ऐसा है, जिसे युद्ध की स्थिति में एयर स्ट्रिप के रूप में काम लिया जा सकेगा। 9 सितंबर 2021 को रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथसिंह व सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकऱी की मौजूदगी में अगड़वा हवाई पट्टी का ट्रायल हो चुका है।