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राजस्थान हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी से फैली सनसनी
 
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जयपुर में शुक्रवार दोपहर सनसनी फैल गई जब राजस्थान हाईकोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल मिला। धमकी की जानकारी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियों ने फौरन हाईकोर्ट परिसर खाली करवाया और पूरे इलाके को घेराबंदी कर तलाशी शुरू कर दी। जयपुर पुलिस, एटीएस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड की टीमें मौके पर पहुंचकर सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं।
पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार दिन में हाईकोर्ट प्रशासन को एक ई-मेल मिला जिसमें कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। जैसे ही मेल की जानकारी मिली, हाईकोर्ट प्रशासन ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। कुछ ही मिनटों में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां हाईकोर्ट परिसर पहुंच गईं। किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए कोर्ट परिसर को पूरी तरह खाली करवा दिया गया।

हाईकोर्ट परिसर के हर कोने की बारीकी से तलाशी ली जा रही है। एटीएस की टीम, डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ता तलाशी अभियान में जुटा है। किसी भी तरह की संदिग्ध वस्तु की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से कोर्ट में मौजूद वकीलों, कर्मचारियों और आम नागरिकों को परिसर से बाहर रहने के लिए कहा गया है।

अतिरिक्त पुलिस बल को भी मौके पर तैनात किया गया है। जयपुर पुलिस कमिश्नरेट और साइबर सेल की टीमें ई-मेल की उत्पत्ति की जांच में लग गई हैं। साइबर एक्सपर्ट्स यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह मेल किस आईपी एड्रेस से और कहां से भेजा गया।

यह कोई पहला मामला नहीं है जब जयपुर में बम धमकी का मेल मिला हो। इससे पहले 30 सितंबर को भांकरोटा स्थित माय ओवन स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। उस समय स्कूल छुट्टी के कारण खाली था और जांच में कुछ नहीं मिला। वहीं, 8 सितंबर को मानसरोवर के स्प्रिंगफील्ड स्कूल और शिवदासपुरा स्थित एक निजी स्कूल को भी ई-मेल के जरिए धमकी दी गई थी। इन दोनों मामलों में भी जांच के बाद धमकी झूठी निकली थी।
जयपुर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं और मामले की गहन जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में यह भी संभावना जताई जा रही है कि धमकी देने वाले ने माहौल बिगाड़ने या अफरा-तफरी फैलाने के उद्देश्य से मेल भेजा हो।

सुरक्षा एजेंसियों ने हाईकोर्ट परिसर को अस्थायी रूप से सील कर दिया है। हर व्यक्ति की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। जांच पूरी होने के बाद ही कोर्ट की नियमित कार्यवाही दोबारा शुरू की जाएगी। पुलिस का कहना है कि जब तक सर्च ऑपरेशन पूरा नहीं हो जाता, कोई भी व्यक्ति परिसर में प्रवेश नहीं कर सकेगा।