Movie prime

Electricity in Rajasthan: राजस्थान में बनेगी सस्ती बिजली, पर नहीं मिलेगा राज्य को लाभ, जाने ऐसा क्यों 

32 हजार हेक्टेयर जमीन कंपनियों को हुई है आवंटित

 
electricity in rajasthan

Electricity in Rajasthan: राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने अपने करीब सवा साल के कार्यकाल में 19931 मेगावाट के अक्षय ऊर्जा के प्रोजेक्ट के लिए 32 हजार हेक्टेयर जमीन कंपनियों को आवंटित की है। पिछली कांग्रेस सरकार में स्वीकृत प्रोजेक्ट से ये आंकड़ा तीन गुना ज्यादा है। गंभीर बात ये है कि इन प्रोजेक्ट्स में से एक भी यूनिट बिजली का फ़िलहाल राजस्थान को नहीं मिल सका है।

बता दें कि, अक्षय ऊर्जा निगम या दूसरी बिजली कंपनियों से इन कम्पनियौं का कोई भी एग्रीमेंट नहीं हुआ है। ऐसे में ऐसी आशंका है कि राजस्थान में बनने वाली बिजली दूसरे राज्यों में सप्लाई हो सकती है। 

बता दें कि, भारत में राजस्थान ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर सोलर रेडिएशन 22 फीसदी है। राजस्थान में अभी तक जितने भी क्षमता वाले बिजली प्रोजेक्ट्स लगे हैं, उनमे से करीब 72 फीसदी सस्ती बिजली दूसरे राज्यों को सप्लाई हो रही है। 

ऐसे लिया जा रहा फेसिलिटेशन चार्ज:
नीति में प्रावधान है कि डिस्कॉम राजस्थान में संयंत्र स्थापित करने वाली कंपनियों से उत्पन्न कुल बिजली का 7 प्रतिशत ले सकती हैं या उनसे 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर नवीकरणीय ऊर्जा विकास सुविधा शुल्क ले सकती हैं। इस कोष के माध्यम से हर साल लगभग 200 करोड़ रुपये आ रहे हैं।

सस्ती बिजली मिले तो होंगे ये फायदे…
अगर सस्ती बिजली मिलती हैं तो कई फायदे होंगे। जैसे कि, बिजली कटौती की नौबत कम हो जाएगी, महंगी बिजली की खरीद से बड़ी राहत मिलेगी और सबसे ज्यादा कोयला स्टॉक की समस्या भी खत्म हो जाएगी।