Solar Subcidy Scheme : राजस्थान के किसानों की बल्ले-बल्ले, सोलर संयंत्र पर मिल रहा 60 प्रतिशत अनुदान, ऐसे करें आवेदन
राजस्थान में सौर (सोलर संयंत्र) ऊर्जा की अपार सम्भावना को ध्यान में रखते हुए उद्यान विभाग द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) कम्पोनेंट 'बी' अन्तर्गत कृषकों को हाइटेक उद्यानिकी, कृषि कार्य के लिए सिंचाई हेतु 3,5,7.5 एचपीक्षमता के लिए सोलर ऊर्जा पम्प संयंत्र अनुदान देय है।
Rajasthan Solar Subcidy Scheme: राजस्थान लगे किसानों के लिए केंद्र व राज्य सरकार सोलर संयंत्र अनुदान योजना की शुरुआत की है। इसमें सरकार की तरह से किसानों को 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
राजस्थान में सौर (सोलर संयंत्र) ऊर्जा की अपार सम्भावना को ध्यान में रखते हुए उद्यान विभाग द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) कम्पोनेंट 'बी' अन्तर्गत कृषकों को हाइटेक उद्यानिकी, कृषि कार्य के लिए सिंचाई हेतु 3,5,7.5 एचपीक्षमता के लिए सोलर ऊर्जा पम्प संयंत्र अनुदान देय है।
योजना का उद्देश्य
जिन कृषकों के पास सिंचाई हेतु कृषि विद्युत कनेक्शन उपलब्ध नहीं है एवं सिंचाई के लिये डीजल चलित संयंत्र अथवा अन्य ऑफ ग्रिड वैकल्पिक साधन पर निर्भर है, उन्हें सिंचाई हेतु सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाएंगे।
देय अनुदान
पीएम कुसुम कम्पोनेंट बी के अन्तर्गत 60 प्रतिशत (30 प्रतिशत केन्द्रीय मद और 30 प्रतिशत राज्य मद) अनुदान। यदि कृषकों द्वारा अधिकतम क्षमता 10 एचपी तक का पम्प स्थापित कराया जाता है तो 7.5 एचपी की अंतर राशि कृषक द्वारा वहन की जाएगी।
3 एचपीसोलर पंप, कुल लागत करीब 2.15 लाख, अनुदान 1.14 लाख कृषक हिस्सा 1.01 लाख। 5 एचपीसोलर पंप, कुल लागत लगभग 3.05 लाख; अनुदान 1.76 लाख कृषक हिस्सा 1.29 लाख। 7.5 एचपी सोलर पंप, कुल लागत लगभग 4.20 लाख, अनुदान 2.38 लाख कृषक हिस्सा 1.81 लाख।
निर्धारित दरों पर अनुबंधित/ सूचीबद्ध फर्म द्वारा सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र स्थापना पर ही अनुदान देय होगा। कृषक द्वारा राजकिसान साथी पोर्टल पर जनाधार द्वारा आवश्यक दस्तावेज के साथ आवेदन करें। आपूर्तिकर्ता फर्म का चयन कृषक द्वारा किया जाएगा।
इनका कहना है
प्राप्त आवेदनों की जांच-छंटनी के बाद पात्र कृषकों के आवेदन ऑनलाइन ही तकनीकी सर्वे हेतु सम्बन्धित फर्म को भेजे जाएंगे। इसके बाद जिला कार्यालय द्वारा ऑनलाइन प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएंगी। ऑनलाइन स्वीकृति के बाद ही कृषक की हिस्सा राशि पोर्टल पर जिला होर्टिकल्चर डवलपमेंट सोसायटी के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। कृषक की ओर से हिस्सा राशि जमा कराने पर ऑनलाइन कार्यादेश संबंधित सूचीबद्ध आपूर्तिकर्ता फर्म की ओर से सौर ऊर्जा पम्प संयंत्र लगाया जाएगा।
-बीआर कड़वा, सेवानिवृत, संयुक्त निदेशक, उद्यान विभाग, जयपुर
यह है चयन की पात्रता
किसान द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई हेतु ड्रिप/स्प्रिंकलर संयंत्र आवश्यक रूप से काम में लिया जाए। उच्च उद्यानिकी तकनीक यथा ग्रीन-शेडनेट हाउस/लो-टनल्स आदि लेने वाले कृषक भी पात्र हैं। कृषक द्वारा उसके भू-स्वामित्व में सिंचाई हेतु जल संग्रहण ढांचा, डिग्गी, फार्म पौण्ड निर्मित हो। कृषक के पास न्यूनतम 0.4 हैक्टर का भू-स्वामित्व होना आवश्यक है। वहीं,जनजाति क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति कृषकों हेतु न्यूनतम 0.2 हैक्टर का स्वामित्व जरूरी है।