New Flyover : राजस्थान के कटीघाटी पर बनेगा फ्लाईओवर, एनएच 248ए से सीधा होगा जुड़ाव
Rajasthan New Flyover : राजस्थान के अलवर जिले में पीडब्ल्यूडी एनएच ने कटीघाटी में फ्लाईओवर बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ा दिया है। नोएडा की एजेंसी को डीपीआर बनाने का जिम्मा दिया गया है। एजेंसी 9 माह में इस फ्लाईओवर का पूरा खाका तैयार करके पीडब्ल्यूडी एनएच को दे देगी। उसके बाद केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर मुहर लगाएगी और काम शुरू होगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकांश सीधे होते हैं। यानी कर्व नहीं होते ताकि वाहनों की रफ्तार पर प्रभाव न पड़े। कटीघाटी में घुमावों के कारण एनएच का जुड़ाव नहीं हो पा रहा। एनएच-248ए से इसे जोड़ना है। इसके लिए घुमाव को खत्म करके फ्लाईओवर के जरिए इस एनएच को जोड़ना है। इसी को देखते हुए पीडब्ल्यूडी एनएच ने इसका प्रस्ताव तैयार किया।
पहले चरण में केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद डीपीआर बनाने के लिए टेंडर लगाया गया। इसके जरिए नोएडा की एजेंसी का चयन किया गया है। एजेंसी को 28 लाख रुपए दिए जाएंगे। 9 माह में फ्लाईओवर का डिजाइन, इसकी लंबाई, दो मार्गों से जोड़ने का रास्ता आदि निकाला जाएगा।
अग्रसेन सर्किल से नमन होटल तक सड़क चौड़ीकरण के लिए टेंडर कर दिया है। अगले सप्ताह काम शुरू होगा। यह मार्ग फोरलेन होगा। भगत सिंह सर्किल से लेकर अग्रसेन सर्किल तक वाहनों का भार ज्यादा है। यहां जाम जैसे हालात बन जाते हैं। इसी को देखते हुए टू-लेन मार्ग को फोरलेन करने की योजना है।
दो किमी लंबे इस मार्ग के चौड़ीकरण पर 3.44 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यूआईटी ने अप्रेल के प्रथम सप्ताह में टेंडर लगाए थे, जो हो गए। वर्कऑर्डर भी जारी कर दिए गए हैं। यहां यूआईटी साइकिल ट्रैक भी बना रही है, जिसका कार्य चल रहा है। ग्रीनबेल्ट इस मार्ग पर यथावत रहेगी। कुछ लोगों ने अतिक्रमण भी कर लिया।
खोखे से लेकर ठेले भी लगे हुए हैं, जो अब चौड़ीकरण से हट जाएंगे। वाहनों का भार कम हो जाएगा। ट्रांसपोर्ट नगर वाले मार्ग पर वाहन आसानी से आ-जा सकेंगे। एक्सईएन अशोक मदान ने बताया कि टेंडर हो गया है। जल्द काम शुरू करने जा रहे हैं।
कटीघाटी से सीधे हनुमान सर्किल मार्ग पर उतरेगा फ्लाईओवर
कटीघाटी से सीधे हनुमान सर्किल मार्ग पर यह फ्लाईओवर उतरेगा। इससे वाहन फर्राटा भरेंगे। इससे हनुमान सर्किल पर वाहनों का भार बढ़ सकता है। इसका भी रास्ता एनएच विभाग को निकालना होगा।
पीडब्ल्यूडी एनएच के एक इंजीनियर का कहना है कि एजेंसी 9 माह में फ्लाईओवर की तमाम संभावनाओं पर काम करेगी और उसके बाद काम आगे बढ़ाया जाएगा। फ्लाईओवर का एक भाग भूगोर तिराहे की ओर आएगा और दूसरा मिनी सचिवालय या जयपुर मार्ग की ओर जाएगा। करीब डेढ़ किमी लंबा फ्लाईओवर बन सकता है। करीब सौ करोड़ रुपए तक लागत आ सकती है।