Rajasthan : राजस्थान के 1256 गांव व छह शहरों की खुल गई किस्मत, किसानों की होगी कायापलट
राजस्थान की जमीन ताकतवर है, लेकिन पानी की कमी के कारण फसल पूरी नहीं हो पाती, लेकिन अब पानी की कमी नहीं रहने वाली है। सरकार की नई परियोजना से राजस्थान के 1256 गांव व छह शहरों की किस्मत के ताले खुले जाएंगे। जहां पर शहर के लोगों को पर्याप्त पेयजल मिलेगा, वहीं ग्रामीण क्षेेत्रों में पेयजल के साथ किसानों को खेती के लिए पानी मिल जाएगा।
राजस्थान के टोंक जिले में बारिश का दौर जारी होने से बनास नदी में पूरे वेग से जलधारा बहने लगी है। यह पानी ईसरदा बांध में स्टाक किया जा रहा है। हालांकि ईसरदा बांध को पहली बार चालू किया जा रहा है और पहले साल यहां पर केवल 30 प्रतिशत पानी की स्टाक किया जाएगा। जहां पर ट्रायल पूरा होने के बाद अगले साल से बांध पानी से लबालब हो गया। जिले में बीसलपुर और ईसरदा बांध बड़े स्तर के हैं। मानसून की मेहरबानी से बीसलपुर बांध में 315.26 आरएल मीटर पहुंच चुका है।
बांध का लगभग काम हुआ पूरा
राजस्थान की बनास नदी पर बन रहा ईसरदा बांध का काम लगभग पूरा हो चुका है। फिलहाल 95 प्रतिशत काम माना जा रहा है। इसलिए इस बारिश के मौसम में बांध के अंदर पानी रोकने की कार्यवाही शुरू की है। बांध के 28 गेटों में से दो गेटों को बंद किया जा रहा है। जहां पानी टेस्टिंग की जा रही है। जहां पर विशेषज्ञ इस पर नजर बनाए हुए है। जबकि 26 गेटों से 250.15 आरएल मीटर तक पानी की निकासी की जा रही है। इसके बाद धीरे-धीरे गेटों को बंद किया जाएगा।
दौसा व सवाईमाधोपुर जिले की खुल जाएगी किस्मत
ईसरदा बांध के निर्माण से दो जिलों के लोगों की किस्मत खुलने वाली है। इसमें दौसा जिले के एक हजार 79 गांव व पांच शहर शामिल है। इसी प्रकार सवाईमाधोपुर जिले के 177 गांव और एक शहरी क्षेत्र में पेयजल की सप्लाई होगी। इन शहरों में बांध से पानी की सप्लाई की जाएगी।
किसानों को नहर से मिलेगा पानी
बीसलपुर बांध से इस साल जिले के किसानों को नहरों के माध्यम से फसलों के लिए पानी मिलेगा। वहीं टोंक, अजमेर व जयपुर की जलापूर्ति में कोई परेशानी नहीं होगी। परियोजना के अनुसार बीसलपुर बांध की 51.64 किलोमीटर लंबी दायीं मुख्य नहर से 218 गांवों की कुल 69 हजार 393 हैक्टेयर जमीन सिंचित होती है। नहर से राजमहल, संथली, दूनी, सांखना, दाखिया, मुगलानी, नगरफोर्ट वितरिकाएं व टोंक ब्रांच शामिल है।