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Green Hydrogen Hub: राजस्थान के इस शहर में बनेगा पहला ग्रीन हाइड्रोजन हब, 60 हज़ार युवाओं को रोजगार का सुनहरा मौका

 
Green Hydrogen Hub

Green hydrogen hub: ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित होने के बाद लगभग राजस्थान के 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे लोगों की बेरोजगारी दूर होगी, वहीं आसपास के क्षेत्र का विकास होगा।  ग्रीन हाइड्रोजन आईआईटी जोधपुर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 205 करोड़ रुपए की लागत आएगी।

 राजस्थान की भजनलाल सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के नए दरवाजे खोले जा रहे है। राजस्थान देश का तेजी से उद्योग का हब बनता जा रहा है और देश व विदेश से निवेशक राजस्थान में निवेश करने में रुचि दिखा रहे है।


इसी कड़ी में राजस्थान में उत्तर भारत का पहला ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित किया जाएगा। इससे राजस्थान के विकास में अहम योगदान रहेगा, वहीं लोगों को रोजगार देने के नए अवसर खोलेगा। ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित होने के बाद लगभग राजस्थान के 60 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इससे लोगों की बेरोजगारी दूर होगी, वहीं आसपास के क्षेत्र का विकास होगा। 


ग्रीन हाइड्रोजन आईआईटी जोधपुर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 205 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ग्रीन हाइड्रोजन क्लस्टर वर्ष 2030 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 

हर साल करीब 350 टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन होगा गंदे पानी से 


ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित होने के बाद जोधपुर व आसपास के शहरों से निकलने वाले गंदे पानी से हाईड्रोजन का निर्माण किया जाएगा। साथ ही 15 टन सालाना जैवमास से हाइड्रोजन तैयार होगी। यह हाइड्रोजन परिवहन, उद्योगों के लिए अमोनिया उत्पादन और सिटी गैस वितरण नेटवर्क में मिश्रण के रूप में प्रयोग होगी।

आपको बता दे कि ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में 1 से 3 डॉलर प्रति किलोग्राम की लागत आएगी। आईआईटी जोधपुर द्वारा प्रायोजित सेक्शन 8 कंपनी, जेएचवी इनोवेशन फाउंडेशन ने उत्तर भारत के पहले ग्रीन हाइड्रोजन हब जोधपुर हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर के रोड़ मैप को लेकर उच्च स्तर पर विचार मंथन किया। 

पहले हो चुका है समझौता आईआईटी जोधपुर व सरकार का


ग्रीन हाइड्रोजन हब स्थापित करने के लिए राजस्थान सरकार व आईआईटी जोधपुर के बीच में पहले ही एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिसके तहत आईआईटी परिसर में नवीकरणीय ऊर्जा से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन होगा।


जोधपुर हाइड्रोजन वैली इनोवेशन क्लस्टर भारत के उत्तरी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है और यह देश के चौथा ग्रीन हाइड्रोजन क्लस्टर्स होगा। इसके अलावा क्लस्टर्स भुवनेश्वर, पुणे और केरल में हैं।