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Khatu Shyam ji के दर्शन व्यवस्था में बड़ा बदलाव, जानें कब-कब नहीं कर सकेंगे दर्शन

शनिवार रात को मंदिर बंद रखने के दौरान सफाई, सुरक्षा और अन्य प्रशासनिक कार्य भी आसानी से किए जा सकेंगे. रविवार सुबह 5 बजे से श्रद्धालु सामान्य समय की तरह दर्शन कर सकेंगे. मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह ने बताया कि कमेटी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस नए समय के अनुसार ही दर्शन करने पहुंचे.Khatu Shayam Ji

 
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Sikar Khatu Shayam Ji : अगर आप भी खाटूश्याम के दर्शन करना चाहते है तो सीकर के खाटू श्याम जी मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है. श्री श्याम मंदिर कमेटी ने निर्णय लिया है कि अब हर शनिवार रात 10:00 बजे से रविवार सुबह 5:00 बजे तक मंदिर के पट बंद रहेंगे. इससे पहले खाटू श्याम जी का मंदिर शनिवार को 24 घंटे खुला रहता था, जहां देशभर से लाखों श्रद्धालु बिना किसी समय सीमा के दर्शन के लिए पहुंचते थे.


मंदिर कमेटी ने बताया कि यह निर्णय मंदिर की व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने और कर्मचारियों को आवश्यक विश्राम देने के लिए लिया गया है. लगातार 24 घंटे चलने वाली व्यवस्था के कारण कर्मचारियों को पर्याप्त आराम नहीं मिल पा रहा था, जिससे प्रबंधन में कठिनाई आ रही थी.


शनिवार रात को मंदिर बंद रखने के दौरान सफाई, सुरक्षा और अन्य प्रशासनिक कार्य भी आसानी से किए जा सकेंगे. रविवार सुबह 5 बजे से श्रद्धालु सामान्य समय की तरह दर्शन कर सकेंगे. मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह ने बताया कि कमेटी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस नए समय के अनुसार ही दर्शन करने पहुंचे.Khatu Shayam Ji


बता दें कि खाटू श्याम मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में खाटू गांव में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल है, जो महाभारत के योद्धा बर्बरीक, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण का कलियुगी अवतार माना जाता है, को समर्पित है. बर्बरीक, भीम के पौत्र और घटोत्कच के पुत्र थे, जिन्हें श्रीकृष्ण ने युद्ध की निष्पक्षता के लिए शीश दान करने का आदेश दिया था.

खाटू श्याम को 'हारे का सहारा' और 'लखदातार' कहा जाता है. भक्तों का विश्वास है कि यहां उनकी प्रार्थनाएं पूरी होती हैं. मंदिर में प्रतिदिन पांच आरतियां होती हैं: मंगला (सुबह 5:30), श्रृंगार (8:00), भोग (12:30), संध्या (6:30), और शयन (9:00). फाल्गुन मास में आयोजित लक्खी मेला लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, जिसमें सूरजगढ़ से लाया गया नीले घोड़े वाला ध्वज शिखर पर फहराया जाता है.Khatu Shayam Ji


मंदिर परिसर में श्याम कुंड, जहां बर्बरीक का शीश मिला था, विशेष महत्व रखता है. मान्यता है कि इस कुंड में स्नान से पाप धुल जाते हैं. श्री श्याम मंदिर कमेटी मंदिर के प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखती है. यहां भक्त अपनी मनोकामनाएं लाल पैन, गुलाब फूल, नारियल, और धागे के साथ अर्पित करते हैं.