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मां मनरेगा में दिहाड़ी कर बेटे को पढ़ाया, दिन रात मेहनत बना SI, भर्ती रद्द होते सपनों पर फिरा पानी

किशनपुरा उत्तरादा गांव के सुभाष की कुछ ऐसी ही कहानी है, जो भर्ती रद्द होने के बाद उनके परिवार पर किसी भी बड़े सदमे से कम नहीं है।  क्योंकि सुभाष की मां ने मनरेगा में मजदूरी कर अपने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए दिन रात मेहनत की.
 
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Rajasthan News: अक्सर लोग अपने मुकाम को हाशिल करने के लिए मेहनत करते है।  लेकिन जब उनके सपनो पर किसी और कि वजह से पानी फिर जाता है तो उनपर क्या बीत सकती है ये आप भी अंदाजा लगा सकते है। क्योंकि ऐसा ही राजस्थान में हुआ है जब सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 (SI Bharti 2021) रद्द होने के बाद उन चयनित अभ्यर्थियों की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया।  आज हम आपके लिए ऐसी ही एक चयनित उम्मीदवार कि कहानी लेकर आये है जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी। 


 जानकारी के अनुसार बता दे कि हनुमानगढ़ जिले में किशनपुरा उत्तरादा गांव के सुभाष की कुछ ऐसी ही कहानी है, जो भर्ती रद्द होने के बाद उनके परिवार पर किसी भी बड़े सदमे से कम नहीं है।  क्योंकि सुभाष की मां ने मनरेगा में मजदूरी कर अपने बच्चों का भविष्य बनाने के लिए दिन रात मेहनत की. अचानक 2012 में बेटियों के ससुराल जाने के लिए निकले पति रहस्य तरीके गायब हो गए, जिनकी आज भी तलाश है. फिर बड़े बेटे ने भी ना सिर्फ दिहाड़ी, खेतीहर मजदूरी, बल्कि 3-4 हजार मासिक की नौकरी कर अपनी शिक्षा पूरी की और फिर बहनों की शादी, फिर भाई की पढ़ाई में मां के खून पसीने में अपना सहयोग दिया. 

दो कमरों के मकान में रहता है परिवार 

संगरिया के किशनपुरा उत्तरादा गांव में विमला देवी का एक छोटा सा दो कमरे का घर है, जो कुछ साल पहले ही सरकारी योजनाओं की मदद से पक्का हो पाया था. बेहद छोटा घर और उसमें भी बिल्कुल जरूरत का सामान- जैसे चारपाई, छोटा सा संदूक, दीवार पर लटकती छोटी छोटी तीन चार तस्वीर, धूल से सना टेलीविजन, छोटा सा स्टडी टेबल है. ये सारी चीजें उस संघर्ष को बयां करती हैं कि किन हालातों में परिवार की गुजर बसर हो रही है.

सुभाष ने हासिल किए थे 292वीं रैंक


इसी परिवार में एक मां और उसके दो बेटे और दो बेटियां है, बेटियां जहां शादी के बाद अपने ससुराल चली गईं तो बड़ा बेटा सुभाष मां की मदद के लिए दिहाड़ी, मजदूरी और छोटी मोटी नौकरी करता था. फिर इसी बड़े बेटे सुभाष ने अपनी मेहनत से उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा (SI Bharti 2021) में 292 वीं रैंक के साथ चयनित होकर मां के सपनों को पंख लगा दिए. मां के सपनों को उड़ान मिलना जायज भी था, क्योंकि लगभग 15 साल के संघर्ष को बेटे ने अपनी सफलता से नई ऊंचाइयां जो दी थीं.Rajasthan News


परिवार में उस समय ख़ुशी का माहौल था जब उनकी मेहनत रंग लाइ और बेटा ASI बना। एक समय ऐसा था जब एसआई में चयनित होने के बाद लगा कि परिवार के संघर्ष अब खत्म हो जाएंगे और इस परिवार के जीवन में एक स्थायित्व आ जाएगा, लेकिन अब भर्ती परीक्षा निरस्त हो जाना, कहीं ना कहीं इस परिवार और परिवार से जुड़े मित्रों, रिश्तेदारों के लिए भी एक बड़ा झटका है.


लेकिन परिवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब न्यायालय ने इस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर परीक्षा दोबारा करवाने का निर्णय सुना दिया. पुलिस जांच में सामने आया कि नकल गैंग ने मोटी राशि वसूल कर कई उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) बनाए, लेकिन जिस घर में सामान्य जीवन जीने तक का संघर्ष चल रहा है वो परिवार कैसे पेपर खरीद कर धांधली में शामिल हो सकते है. अब परीक्षा निरस्त होने का दंश अब परिवार को अनिश्चितता भरे भविष्य की ओर धकेल रहा है.  Rajasthan News