Green Field Expressway: राजस्थान के इस नए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस को धरातल पर उतराने की कवायत हुई तेज, इन जिलों के किसान होंगें मालामाल
Green Field Express : जालोर शहर की बेहतर हाइवे कनेक्टिविटी के लिए स्वीकृत जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस अहम है। पिछले साल चर्चा में आने के बाद अब प्रोजेक्ट को धरातल पर साकार रूप देने के लिए कवायद शुरू हो चुकी है। विभिन्न कयासों के बीच इस प्रोजेक्ट के लिए महत्वपूर्ण सर्वे पिछले माह एजेंसी ने शुरू किया।
सर्वे के प्रारंभिक आकलन की बात करें तो एक सर्वे जीवाणा के भारतमाला एक्सप्रेस-वे से किया गया। इस सर्वे के माध्यम से एक महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे कोरिडोर बनाने के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। झालावाड़ के पास से गुजर रहे मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे से जालोर-झालावाड़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे को कनेक्ट किया जाना है। इससे जालोर जिले की देश के हर कोने से बेहतर कनेक्टिविटी हो जाएगी। साथ ही यहां के उद्योग और कृषि क्षेत्र के लिए ये प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे।
ग्रेनाइट उद्योग को फायदा
जालोर में 1500 से अधिक ग्रेनाइट इकाइयां है। देश के विभिन्न हिस्सों तक तैयार ग्रेनाइट मार्ग से ही पहुंचता है। सड़कों की स्थिति बेहतर नहीं है। जिससे समय अधिक लगता है। यह कोरिडोर तैयार हो जाने के बाद देश के किसी भी कोने तक तैयार ग्रेनाइट पहुंचाना आसान होगा। प्रोजेक्ट में कवायद यही चल रही है कि यह कोरिडोर जालोर के आस पास से गुजरे ताकि ग्रेनाइट उद्यमियों की परेशानी का समाधान हो सके।
अलग-अलग क्षेत्रों में सर्वे
विभागीय जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट के लिए यह रूट का प्रारंभिक अलाइनमेंट सर्वे है। रूट सर्वे को लेकर एजेंसी अलग अलग रूट मैप देगी, जिसके बाद हायर लेवल कमेटी अंतिम रूप से रूट को फाइनल करेगी। जिसमें इन प्रमुख बिंदुओं को ध्यान में रखा जाएगा।
पूरे रूट में आबादी क्षेत्र का हिस्सा नहीं आए और सुगम और सीधा रूट मिल सके। आवासीय क्षेत्र, बिल्डिंग, पहाड़ी क्षेत्र, रेलवे का क्षेत्र व अन्य प्रोजेक्ट रूट में नहीं आए. ऐसे क्षेत्र से होकर सुगम रास्ता तय किया जाएगा, ताकि जमीन का कम से कम मुआवजा देना पड़े।
जीवाणा में अनार मंडियां है और यहां देशभर के व्यापारी 5 माह तक डेरा डालते हैं। 1 हजार करोड़ के करीब एक सीजन में अनार का व्यापार होता है। जीवाणा के पास भारतमाला एक्सप्रेस वे है। भविष्य में झालावाड़ कोरिडोर बन जाता हैं तो दिल्ली, मुंबई तक बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापार को और फायदा होगा। जालोर जिला जीरे का भी बहुत बड़ा उत्पादक क्षेत्र है। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे से एग्रो उत्पाद को भी बड़ी मंडियों तक ले जाना आसान होगा