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Rajasthan News: राजस्थान में इस जिले के किसानों को भिंडी ने किया मालामाल, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात तक  जबरदस्त मांग

राजस्थान में इस जिले के किसानों को भिंडी ने किया मालामाल, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात तक  जबरदस्त मांग
 
 भिंडी

Rajasthan News: राजस्थान के भदेसर क्षेत्र का सुखवाड़ा गांव भिंडी उत्पादन का हब माना जाता है। यहां प्रचुर मात्रा में भिंडी की हर साल बुआई होकर भरपूर पैदावार होती है।

यहीं वजह है कि सुखवाड़ा की भिंडी का स्वाद राजस्थान के साथ पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात के लोग चख रहे है। अच्छी आमदनी के चलते किसानों को भिंडी की फसल रास आ रही है। क्षेत्र के क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में भिंडी की बुवाई की जाती है। यहां करीब 700 बीघा से अधिक क्षेत्र में उत्पादन होता है। प्रतिदिन 200 क्विंटल से अधिक भिंडी किसानों से खरीद कर व्यापारी अन्य शहरों में बिक्री के लिए भेज रहे है।

पंजाब तक पहुंचा स्वाद

हर साल यहां से भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर, राजसमंद, उदयपुर, के अलावा पंजाब, मध्यप्रदेश तथा गुजरात तक भिंडी भेजी जाती रही है। इस वर्ष सुखवाड़ा की भिंडी का स्वाद पंजाब के बठिंडा तक पहुंचा है।

हाथों-हाथ मिल रहे रुपए

सुखवाड़ा सहित धरोल, हसमतगंज, रूपा जी का खेड़ा, पंचदेवला, सरलाई, कन्नौज, देवरी, होंडा चिकसी, सावा आदि गांवों में बड़ी मात्रा में भिंडी की बुवाई कर रखी है। किसान सुबह से दोपहर तक उपज तोड़कर सुखवाड़ा गांव में व्यापारियों के लगे कांटे पर बेच देते हैं, जिससे उन्हें हाथों-हाथ उपज के पैसे मिल रहे हैं। इससे किसानों का समय और भाड़ा बच रहा है।

25 रुपए प्रतिकिलो का भाव

सुखवाड़ा समेत आसपास के गांव से बड़ी मात्रा में किसान भिंडी तोड़कर कर ला रहे। घर बैठे 25 रुपए प्रति किलो बाहर भेज रहे हैं। इससे किसानों को हाथों-हाथ उपज के दाम मिल रहें हैं। किसानों का 2 प्रति किलो खर्चा बच रहा है। कालूराम धाकड़, भिंडी व्यापारी। भिंडी की फसल से किसानों को  लाभ हो रहा है। 

किसानों को हो रहा फायदा

किसान पिंटू धाकड़ ने बताया कि उन्होंने 1 बीघा में भिंडी की बुवाई की है और एक पांतरे से दो क्विंटल से अधिक भिंडी टूट रही है। व्यापारी घर बैठे ?25 प्रति किलो की दर से खरीद रहे हैं। किसान शोभालाल गाडरी ने बताया कि उन्होंने पांच बिस्वा में भिंडी की बोवाई कर रखी है और एक बार तोड़ने पर 80 से 85 किलो भिंडी टूट रही है। इसी तरह किसान देवीलाल धाकड़ ने बताया कि उन्होंने पांच बिस्वा भिंडी की बुवाई की है और हर पांतरे में 80 किलो भिंडी टूट रही है।