Rajasthan : राजस्थान के बीकानेर समेत इस जिले के 2 हजार सरकारी कर्मचारियों की जायेगी नौकरी, देखें असली वजह
देवी सिंह शेखावत के तरफ से विधानसभा में पूछे गए एक सवाल में खुलासा हुआ है कि अलवर के दो पंचायत समितियां में 9 और बीकानेर के 49 ऐसे लिपिक है जिन्होंने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कंप्यूटर के डिग्री प्राप्त कर लिया है । पंचायती राज विभाग के अनुसार लिपिक की नौकरी के लिए यह डिग्री मान्य नहीं है।
Rajasthan news: बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत के तरफ से विधानसभा में पूछे गए एक सवाल में खुलासा हुआ है कि अलवर के दो पंचायत समितियां में 9 और बीकानेर के 49 ऐसे लिपिक है जिन्होंने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कंप्यूटर के डिग्री प्राप्त कर लिया है । पंचायती राज विभाग के अनुसार लिपिक की नौकरी के लिए यह डिग्री मान्य नहीं है।
सामने जानकारी के अनुसार राजस्थान के ऐसे लिपिक की संख्या लगभग 2000 हो चुकी है। हालांकि अभी भी बाकी लिपिको के बारे में पता लगाया जा रहा है जिन्होंने दूरस्थ शिक्षण के माध्यम से डिग्री ली है। जैसे ही रिपोर्ट सामने आएगी सरकार के द्वारा एक्शन लिया जाएगा।Rajasthan news
बीकानेर जिले में 49 लिपिक ऐसे मिले है जिन्होंने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कंप्यूटर डिग्री हासिल की है। अलवर में अभी तक पंचायत समिति गोविंदगढ़ और बहरोड़ में 9 लिपिकों की जानकारी मिली है, जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कंप्यूटर प्रमाण पत्र लिए हैं। अभी जिले की 14 पंचायत समितियों से सूचना आना बाकी है। ऐसे में अलवर का आंकड़ा भी 60 से ऊपर पहुंच सकता है।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए पहले वर्ष 2017 में और फिर 2018 में एक परिपत्र जारी किया, जिसके तहत इन सभी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कंप्यूटर प्रमाण पत्र लेने वालों को नौकरी से बर्खास्त करना था। लेकिन पंचायती राज विभाग ने इन आदेशों को दबा लिया और फर्जी लिपिक 10 साल तक नौकरी करते रहेRajasthan news