Rajasthan News : राजस्थान मनरेगा में 1200 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा, 5 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को नोटिस
विभाग के अनुसार उन्होंने यह 1200 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा रोक लिया है। वहीं प्रदेशभर में इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले लगभग 1700 मेट को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वहीं लापरवाही के आरोप में मनरेगा के 5 हजार कर्मचारियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं।
Rajasthan News : राजस्थान में मनरेगा के नाम पर 1200 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा फर्जी तस्वीरों के जरिये मजदूरों की हाजिरी लगाकर मेट द्वारा किया जा रहा था। मेट एक या दो मजदूरों को कार्यस्थल पर बुलाकर उनकी फोटो खींच लेते और मस्टररोल में 20-20 की हाजिरी दिखाकर उनके नाम पर बिल बनवाते थे। ग्रामीण विकास विभाग ने एक तकनीक का इस्तेमाल करके ऑडिट में इस फर्जीवाड़े को पकड़ा है।
विभाग के अनुसार उन्होंने यह 1200 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा रोक लिया है। वहीं प्रदेशभर में इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले लगभग 1700 मेट को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वहीं लापरवाही के आरोप में मनरेगा के 5 हजार कर्मचारियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं।
केंद्र सरकार ने मजदूरों को काम देने के लिए महात्मा गांधी नरेगा योजना शुरू की हुई है। इसमें मेट का काम जॉब कार्ड धारक मजदूरों को कार्यस्थल पर बुलाकर उनसे काम करवाना है। इसके बाद उनकी हाजिरी दर्ज करके उनकी मजूदरी दिलाने का काम भी मेट का ही होता है।
यह फर्जीवाड़ा मेट ने फर्जी हाजिरी लगाकर किया। शिकायत मिलने पर ग्रामीण विकास विभाग ने नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम को लगभग दो साल पहले लागू किया था। इस सिस्टम में मेट मजदूरों के काम करते हुए फोटो अपलोड करते थे। जब इन अपलोड किए गए फोटो का विशलेषण शुरू हुआ तो यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया।
इसमें सामने आया कि एक ही कार्यस्थल की एक ही फोटो को बार-बार अपलोड किया गया, जबकि मजूदरों की हाजिरी भी फर्जी दिखाई गई। कई मामलों में तो फोटो में दिखाई दे रहे मजदूरों की संख्या और मस्टररोल में दर्ज हाजिरी भी अलग-अलग पाई गई।
28 अक्तूबर 2024 को 16एस पंचायत में कार्यस्थल पर मेट ने दो फोटो खींचे। दोनों में एक-एक श्रमिक नजर आ रहा था। मस्टररोल में 8 श्रमिकों की हाजिरी लगी थी। वहीं विजयनगर ब्लॉक की 16एस पंचायत में भी एक ही श्रमिक की फोटो थी, लेकिन 10 की हाजिरी लगाई गई थी। उदयपुर की सोमारी पंचायत की इटाली पंचायत के कार्यस्थल से दो अलग-अलग फोटो अपलोड किए गए थे।
एक में पांच तथा दूसरे में रेंडम फोटो थी, लेकिन मस्टररोल में 10 श्रमिकों की हाजिरी लगाई थी। एक फोटो में 5 श्रमिक नजर आ रहे थे, लेकिन मस्टररोल में 10 मजूदर दिखाए गए थे। वहीं जैसलमेर जिले की सम ब्लॉक की सागरों की बस्ती पंचायत में 29 अक्तूबर 2024 को मनरेगा की ऑडिट हुई। इसमें श्रमिकों की जो फोटों खींची गई थी तो दो बार अलग-अलग कार्य के लिए दिखाई दी गई थी।
इस फोटो में चार-चार श्रमिक नजर आ रहे थे, लेकिन हाजिरी 10-10 की लगाई गई थी। वहीं 28 अक्तूबर 2024 को बांसवाड़ा की आनंदपुरी ब्लॉक की घाटिया गलिया पंचायत में कार्यस्थल में सुबह अपलोड किए गए फोटो में कुछ श्रमिक नजर आ रहे थे, लेकिन दोपहर बाद के फोटो से श्रमिक नदारद थे। इनके मस्टररोल में 10 श्रमिकों की हाजिरी लगाई गई थी।
16 अक्तूबर 2024 को उदयपुर जिले की कोटड़ा की घाटा पंचायत में किसी और के मोबाइल की फोटो को मेट ने अपने फोन में खींच लिया और उसको अपनी बताकर अपलोड कर दिया। जब फोटो का विशलेषण किया गया तो यह गड़बड़ी पकड़ में आ गई। इस फोटो का दो बार इस्तेमाल किए गया और 10-10 श्रमिकों की हाजिरी लगाई गई। जांच में यह सभी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।
फर्जीवाड़े के लिए आरोपी 1699 मेट ब्लैक लिस्ट
विभाग की तरफ से कहा गया कि पिछले साल 1699 मेट को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है। इसके अलावा इस कार्य में लापरवाही करने पर 5757 कर्मचारियों को भी नोटिस दिए गए हैं। इस फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए विभाग तीन स्तरीय जांच कर रहा है।
सबसे पहले स्टेट लेवल पर 20 कर्मचारियों की टीम बनाई। इन्होंने फोटो और मस्टररोल की गड़बड़ी पकडी। इसके जिला और फिर ब्लॉक लेवल की टीमें बनाकर जांच की गई। इसके बाद क्रॉस वेरिफिकेशन किया गया। इसके बाद जिला और ब्लॉक लेवल पर होने वाली गड़बड़ियां भी सामने आई।