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Rajasthan News: बीकानेर में पानी की बूंद बूंद का होगा प्रयोग, नगर निगम और एनएलसी के बीच होगा 3 साल का एमओयू

 करीब छह साल से एसटीपी बने हुए है। एनएलसी पावर प्लांट को शोधित पानी देने का मामला वर्ष 2019-20 से लंबित चल रहा है। पत्रावली और पत्राचार चल रहा है। नगर निगम प्रशासक नम्रता वृष्णि और निगम आयुक्त मयंक मनीष के प्रयासों से अब तक लंबित चल रहा मामला निस्तारण होने की स्थिति में है व एमओयू का मसौदा बन गया है।
 
Rajasthan News: बीकानेर में पानी की बूंद बूंद का होगा प्रयोग, नगर निगम और एनएलसी के बीच होगा 3 साल का एमओयू

Rajasthan News : बीकानेर  में पानी की एक एक बूंद का प्रयोग करने की योजना बनाई है। घरों से सीवरेज लाइनों के माध्यम से सुजानदेसर एसटीपी पहुंच रहा पानी शोधित होने के बाद अब नेवेयली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन के बरसिंहसर पावर प्लांट में उपयोग हो सकेगा। इसकी कवायद चल रही है। सुजानदेसर एसटीपी से एनएलसी प्लांट को शोधित पानी देने के लिए नगर निगम और एनएलसी के बीच एमओयू होगा। 

एमओयू का मसौदा लगभग तैयार हो गया है। संभावना है अगले सप्ताह तक शोधित पानी देने और लेने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। निगम इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है। नगर निगम एनएलसी पावर प्लांट को एनएलसी की मांग के अनुसार अधिकतम 20 एमएलडी शोधित पानी की सप्लाई करेगा। इस कार्य के लिए स्वीकृतियां व निर्माण कार्य नगर निगम करवाएगा जबकि इसकी राशि एनएलसी वहन करेगा।

20 एमएलडी की क्षमता, 12 एमएलडी का और बनेगा

सुजानदेसर एसटीपी की वर्तमान क्षमता 20 एमएलडी पानी रोज शोधित करने की क्षमता है। एक्सईएन के अनुसार इसी परिसर में 12 एमएलडी क्षमता का एक और एसटीपी बनेगा। इससे यह क्षमता 32 एमएलडी हो जाएगी। 32 एमएलडी में से 20 एमएलडी शोधित पानी एनएलसी प्लांट को दिया जा सकेगा।

निगम को न आवत ना खर्च

एसटीपी से शोधित पानी को एनएलसी पावर प्लांट को देने से नगर निगम को किसी प्रकार की राशि प्राप्त नहीं होगी और ना ही निगम की ओर से इस प्रोजेक्ट पर किसी प्रकार की राशि खर्च की जाएगी। केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुसार अगर किसी एसटीपी के 50 किमी के दायरे में कोई पावर प्लांट स्थापित है तो उस स्थान की नगरीय निकाय को शोधित पानी बिना किसी प्रकार की राशि लिए पावर प्लांट को दिए जाने का प्रावधान है।

करीब छह साल से अटका मामला

सुजानदेसर व बल्लभ गार्डन क्षेत्र में करीब छह साल से एसटीपी बने हुए है। एनएलसी पावर प्लांट को शोधित पानी देने का मामला वर्ष 2019-20 से लंबित चल रहा है। पत्रावली और पत्राचार चल रहा है। नगर निगम प्रशासक नम्रता वृष्णि और निगम आयुक्त मयंक मनीष के प्रयासों से अब तक लंबित चल रहा मामला निस्तारण होने की स्थिति में है व एमओयू का मसौदा बन गया है।

प्रदेश में पहला

निगम एक्सईएन के अनुसार सुजानदेसर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रदेश का पहला ऐसा एसटीपी होगा, जिससे सीवरेज के शोधित पानी का उपयोग एनएलसी के पावर प्लांट में हो सकेगा।

तीस साल का एमओयू

नगर निगम के एक्सईएन चिराग गोयल के अनुसार नगर निगम और एनएलसी के बीच तीस साल का एमओयू होगा। सपूर्ण राशि एनएलसी खर्च करेगा। प्लांट का संचालन, संधारण और मरमत का कार्य निगम के माध्यम से होगा। इसका खर्च भी एनएलसी वहन करेगा।

जल्द होगा एमओयू

बीकानेर नगर निगम के आयुक्त मयंक मनीष ने बताया कि सुजानदेसर एसटीपी से शोधित पानी एनएलसी पावर प्लांट को देने के लिए जल्द एमओयू होगा। एमओयू का मसौदा तैयार है। निगम और एनएलसी के बीच एमओयू की शर्तों पर लगभग सैद्धांतिक सहमति हो चुकी है। अधिकतम 20 एमएलडी शोधित पानी एनएलसी पावर प्लांट के लिए दिया जाएगा। शोधित पानी का बेहतर उपयोग हो सकेगा। प्रोजेक्ट की सपूर्ण लागत एनएलसी की ओर से वहन की जाएगी।