Rajasthan News : राजस्थान के दो जिलों के इन 1232 गांवों को मिलेगा ‘चंबल का पानी’, ऐसे होगी सप्लाई
पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के जरिए अलवर के 882 और भरतपुर के 350 गांवों में पानी पहुंचाने के लिए जलदाय और सिंचाई विभाग जुटा है।
Rajasthan News : राजस्थान के 1232 गांव के लिए इस वक्त की बड़ी ही अच्छी खबर सामने आ रही है। बता दे की पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के जरिए अलवर के 882 और भरतपुर के 350 गांवों में पानी पहुंचाने के लिए जलदाय और सिंचाई विभाग जुटा है।
वहीँ मिली जानकारी के अनुसार बता दे की इससे अलवर जिले की 15 लाख से ज्यादा की आबादी की प्यास बुझेगी। इन गांवों के घरों में पानी पहुंचाने के लिए 200 से ज्यादा क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। एक क्लस्टर में चार गांव शामिल होंगे।
अलवर से 882 पुएब्लो और भरतपुर से 350 पुएब्लो और पार्वती-कालीसिंध-चंबल एस्ते डी कैनाल की यात्रा (PKC-ERCP) इससे अलवर जिले में 1.5 मिलियन से अधिक लोगों की प्यास पूरी होगी। इन गांवों के घरों में पानी की आपूर्ति के लिए 200 से अधिक क्लस्टर बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक समूह में चार गाँव होंगे।
इन क्षेत्रों में एक बड़ा टैंक बनाया जाएगा, जिसमें कुल 60 टैंक होंगे, जिसके माध्यम से घरों में पानी की आपूर्ति की जाएगी। ई. आर. सी. पी. के माध्यम से अल्वर को 200 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इससे अलवर, राजगढ़, रैनी, मलखेड़ा, उमरैन, कथुमार, लक्ष्मणगढ़, गोविंदगढ़ और थानागाजी के प्रखंडों के लोगों को लाभ होगा। साथ ही कहा जाता है कि रीगो विभाग का काम पानी लाना है, और जलापूर्ति विभाग का काम इसे घरों तक पहुंचाना है।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद ड्रिलिंग पूल के माध्यम से घरों में पानी की आपूर्ति बंद हो जाएगी। घरों में पानी की आपूर्ति केवल ग्रिफो के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए एक पंप हाउस बनाया जाएगा। पानी की कमी को देखते हुए विभाग कई विमान बना रहा है ताकि जनता को पानी पहुंचाने में किसी को परेशानी न हो।
गांवों में पानी की आपूर्ति के लिए क्लस्टर बनाए जाएंगे। पानी की आपूर्ति टैंक ट्रकों के माध्यम से की जाएगी। परियोजना के लिए बोली लगाने की प्रक्रिया चल रही है।
हरिकिशन अग्रवाल, एसई पीएचईडी, परियोजना, सर्कल भरतपुर