Rajasthan: राजस्थान के इस जिले में अगले 2 महीने तक धारा 163 लागू! भारी पुलिस तैनात, जानिए पूरा मामला
Rajasthan News: राजस्थान में इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दे की जैसलमेर के बासनपीर गांव में 1835 में बनी छतरियों पर विवाद रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। बता दे की इस मामले के तहद अब बढते हुए विवाद के बाद प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. तनाव की स्थिति को देखते हुए गांव में धारा 163 लागू कर दी गई. साथ ही प्रशासन ने बासनपीर गांव में जाने पर भी रोक दिया है. यह आगामी 2 महीने तक जारी रहेगा
अधिक जानकारी के लिए बता दे की प्रशासन की ओर से यह कदम बीते गुरुवार को असामाजिक तत्वों द्वारा बासनपीर में पत्थरबाजी की घटना के बाद उठाया है.
5 से अधिक सदस्य इकट्ठे होने पर रोक
अधिक जानकरी के लिए बता दे की उपखंड मजिस्ट्रेट जैसलमेर सक्षम गोयल ने बताया कि तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए बासनपीर गांव में धारा 163 लागू कर दिया गया है. इस दौरान पांच से अधिक लोगों के इकट्ठे होने पर प्रशासन ने रोक लगाई. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए थईयात फांटा पर 2 दर्जन से अधिक पुलिस वाले मौजूद रहेंगें. नागरिकों से अपील की गई कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, शांति बनाए रखें और प्रशासन का सहयोग करें.
इन चीजों पर रहेगी पूर्णंतय रोक
बता दे की धरा 163 लगाने के बाद कोई भी व्यक्ति ग्राम बासनपीर जूनी की सीमा के भीतर कई चीजों पर पूर्णंतय रोक रहने वाली है।
बिना पूर्व अनुमति लिए लाउडस्पीकर, एम्पलीफायर, ध्वनि प्रसारक यन्त्रों का उपयोग नहीं कर सकेंगे.
बासनपीर गांव में किसी भी स्थान पर एक समय में 05 या 05 से अधिक व्यक्ति एक जगह पर एकत्रित नहीं हो सकेंगे.
कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे नहीं लगायेगा,
बिना पूर्व अनुमति लिए लाउडस्पीकर, एम्पलीफायर, ध्वनि प्रसारक यन्त्रों का उपयोग नहीं कर सकेंगे.
बासनपीर जूनी की सीमा में किसी भी प्रकार की सभा, रैली, जुलूस एवं प्रदर्शन बिना पूर्व सक्षम अनुमति लिए नहीं निकाले जायेंगे.
किसी के पास विस्फोटक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र अपने साथ नहीं लेकर जा सकते। जैसे रिवाल्वर, पिस्तौल, राइफल, बन्दूक और एम.एल. गन लेकर नहीं घूमेगा.इसके अलावा गंडासा, फरसा, तलवार, भाला, कृपाल, चाकु, छुरी, बरछी, गुप्ती, खाखरी, वल्लभ, कटार, घारिया, बघनख (शेरपंजा) जैसे हथियार साथ लेकर नहीं चल सकेगा. हालांकि, सिख समुदाय के व्यक्तियों को कृपाण रखने की छूट रहेगी.
कैसे शरू हुआ विवाद
अधिक जानकारी के लिए बता दे की बासनपीर गांव में रियासतकालीन वीर झुंझार रामचंद्र जी सोढ़ा और हदूद जी पालीवाल की स्मृति में छतरियों का निर्माण हुआ. 1835 में तत्कालीन महारावल गज सिंह ने इन छतरियों का निर्माण करवाया. इन छतरियों को लेकर विवाद उस समय शुरू हुआ, जब 2019 में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़ दिया गया. बाद में झुंझार धरोहर बचाओ संघर्ष समिति के विरोध पर तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई.