Rajasthan News: छात्र-छात्राओं में मोटापा आया तो अध्यापक होंगे जिम्मेवार, राजस्थान शिक्षा विभाग ने जारी की एडवाइजरी
Rajasthan News: गैर शैक्षणिक कार्यों के बोझ तले दबे राजस्थान के सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों के कांधों पर एक और बोझ लाद दिया है। अब प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य का ध्यान भी शिक्षकों को रखना होगा।
शिक्षा विभाग जिले सहित प्रदेशभर के स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में बढ़ते मोटापे को रोकने के लिए अभियान चलाएगी। अभियान के तहत पहली से आठवीं तक विद्यार्थियों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के आदेश की पालना में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने राज्य के सभी संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा को 17 बिंदुओं की एडवाइजरी जारी कर सती से पालना के निर्देश दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी, डूंगरपुर नवीनप्रकाश जैन ने कहा कि विद्यालय में जनजागरूकता से जुड़े कार्य करने होंगे। विद्यालय में शिक्षक-अभिभावक समिति की बैठक होती है। इसमें अभिभावकों को मोटापे के दुष्परिणाम बताने हैं। निदेशालय के आदेशों की पालना करेंगे।
शिक्षक करेंगे पहचान
स्कूलों में शिक्षकों को विद्यार्थियों में मोटापे की पहचान करनी होगी तथा माता-पिता को भोजन की मात्रा नियमित करने तथा विद्यार्थियों को शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन भी देंगे। स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने तथा अतिरिक्त कैलोरी खर्च करने के लिए स्कूलों के साथ-साथ घर पर भी नियमित व्यायाम और योग के महत्व पर जोर देने के लिए शिक्षक जागरूक करेंगे।
स्कूलों में किचन गार्डन बनाने, उगाई गई सब्जियों के उपयोग पर जोर दिया है। विद्यार्थियों के लिए मध्याह्न भोजन पोषण की दृष्टि से संतुलित बनाने पूर्व से ही गाइडलाइन जारी कर रखी है। फोर्टिफाइड चावल, गेहूं, मोटे अनाज, दाले और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करने का आह्वान किया है।
आवश्यक कैलोरी बनाए रखने के लिए प्राथमिक स्कूल के विद्यार्थियों के लिए पांच ग्राम और उप्रावि के विद्यार्थियों के लिए 7.5 ग्राम की मापी गई मात्रा में डबल फोर्टिफाइड नमक व फोर्टिफाइड खाद्य तेल का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं।
पीएम मोदी ने जताई थी चिंता
स्कूली बच्चों में तेजी से बढ़ रहे मोटापे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परीक्षा पे चर्चा 2025 और मन की बात में चिंता जताई थी। प्रधानमंत्री ने बढ़ते बचपन के मोटापे को कम करने के लिए सुझाव भी दिए थे। इसमें स्कूलों में बच्चों के लिए बनने वाले मध्यान्ह भोजन में तेल के उपयोग में 10 फीसदी की कमी लाने को कहा गया था। मन की बात में दिए सुझाव को प्रदेश सरकार ने सरकारी आदेश में तब्दील किया है।