नालन्दा में तिलक होली संग रंगोत्सव मनाया विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी हुआ आयोजन

THE BIKANER NEWS:–बीकानेर 12 मार्च, 2025। रंग उत्सव होली के अवसर पर आज नालन्दा परिसर में स्कूल के छात्र-छात्राओं के बीच बड़े उल्लास और उमंग के साथ रंग उत्सव का आयोजन किया गया। शाला के प्राचार्य वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शाला के सैकड़ों छात्र और छात्राओं ने प्राकृतिक एवं परम्परागत गुलाल के साथ उत्सव का आनंद लिया।
कार्यक्रम प्रभारी हरिनारायण आचार्य एवं आशीष रंगा ने बताया कि इस अवसर पर विशेष तौर से विचित्र वेशभूषा का आयोजन किया गया जिसमें शाला के प्रतिभावान छात्र और छात्राओं ने बहुत ही कलात्मक ढंग से राधा-कान्हा, महादेव, महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, झांसी की रानी, लता मंगेशकर आदि महान व्यक्तित्वों का रूप धारण कर ऐसा अहसास करवाया जैसे जिन प्रतिभाओं का प्रतिरूप उन्होंने धारण किया है सच में वे ही हों। इसी तरह अनेक रोचक एवं आकर्षक बहुरूपिये बनकर भी शाला के छात्र-छात्राओं ने सबका मनमोह लिया।
शाला के छात्रों की इस प्रतियोगिता का निर्णय भी आज निर्णायकों के पैनल द्वारा किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर कृतिका रंगा और मुकंद व्यास संयुक्त रूप से, द्वितीय स्थान पर आयुष बोहरा और विकास प्रजापत एवं तृतीय स्थान पर मानव छंगाणी और अनंत दाधीच विजेता घोषित किए गए। जिन्हें शाला प्राचार्य की ओर से प्रशंसा-पत्र एवं छात्र उपयोगी उपहार प्रदत्त किया गया।
इसी अवसर पर गत वर्षों की परंपरा के अनुसार होली को केंद्र में रखकर एक विशेष निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी रखा गया। जिसका विषय ‘‘बीकानेर की होली क्यों हैे अनूठी ?’’ रखा गया। जिसमें 200 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी लेखनी का कमाल दिखाया। जिसमें निर्णायकों के निर्णय अनुसार प्रथम स्थान पर केशव व्यास, दूसरे स्थान पर अक्षरा खड़गावत और तृतीय स्थान पर खुशी पुरोहित और कुंदन सुथार संयुक्त रूप से घोषित किए गए। निबंध प्रतियोगिता के विजेताओं को भी शाला प्राचार्य ने प्रशंसा-पत्र एवं छात्र उपयोगी उपहार प्रदत्त किए।
विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता के निर्णायक अलका रंगा, रेखा वैष्णव और महावीर स्वामी रहे। वहीं निबंध प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में हेमलता व्यास, प्रीति राजपूत और उमेश सिंह चैहान ने निभाई।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य राजेश रंगा के द्वारा शाला प्रांगण में स्थित मां सरस्वती के चरणों में गुलाल रखकर सभी बालक-बालिकाओं को तिलक लगाकर होली की शुभाशीष दी गई।