ऋषिकेश में सामुहिक यज्ञोंपवित संस्कार में पूर्व राष्ट्रपति ने की शिरकत,बीकानेर के विद्वानों की देख रेख में हुआ आयोजन संपन्न
देश के प्रतिष्ठित गीताप्रेस गोरखपुर संस्थान द्वारा धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के अलावा हिन्दू धर्म के प्रमुख संस्कार यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन हर वर्ष ऋषिकेश गीताभवन में किया जाता हैं। इस संस्कार में पुरे भारत वर्ष के बटुक व पुरुष भाग लेते हैं। प्रतिवर्ष यह आयोजन शुभ मुहूर्त में विद्वान ब्राह्मणो के द्वारा सम्पन्न करवाया जाता हैं।
बीकानेर के लिए गौरव की बात हैं की इस कर्म के आचार्य बीकानेर के विद्वान पंडित डॉ बंशीलाल जोशी हैं।
आयोजन से जुड़े पंडित बृजमोहन पुरोहित ने बताया कि गीताप्रेस के संस्थापक परम् श्रद्धेय सेठ जी श्री जयदयाल जी गोयंका का निरंतर प्रयास रहता था की यज्ञोपवीत धारण करने योग्य व्यक्ति इस संस्कार से किसी भी प्रकार से वँचित न रहे यह एक ऐसा अनूठा आयोजन हैं जिसमे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता हैं इसमें पूजन सामग्री से लेकर आवास व्यवस्था भोजन व्यवस्था का वहन भी गीताप्रेस गोरखपुर के द्वारा किया जाता हैं।
प्रतिवर्ष इस आयोजन में पूरे भारतवर्ष से लोग उत्साह से भाग लेते हैं तथा इस संस्कार को सम्पन्न करवाने के लिए ऋषिकेश में आते हैं। इस वर्ष भी यह आयोजन 27 मई से 29 मई 2025 को सम्पन्न हुआ। यहां आने वाले सभी द्विजवर्ण के बटुको को संध्या कर्म से संबंधित सामग्री जैसे संध्या के पात्र, पुस्तक, आसन, गौमुखी माला भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। इस बार बटुको की संख्या 486 से अधिक रही ।
देव भूमि ऋषिकेश में 486 बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवित संस्कार में पधारे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गीतप्रेस के इस अनूठे कार्यक्रम को अद्भुद बताया व शुभकामनाएं दी ।
देश के प्रतिष्ठित गीताप्रेस गोरखपुर संस्थान द्वारा धार्मिक पुस्तकों के प्रकाशन के अलावा हिन्दू धर्म के प्रमुख संस्कार यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन हर वर्ष ऋषिकेश गीताभवन में किया जाता हैं। इस संस्कार में पुरे भारत वर्ष के बटुक व पुरुष भाग लेते हैं। प्रतिवर्ष यह आयोजन शुभ मुहूर्त में विद्वान ब्राह्मणो के द्वारा सम्पन्न करवाया जाता हैं।
बीकानेर के लिए गौरव की बात हैं की इस कर्म के आचार्य बीकानेर के विद्वान पंडित डॉ बंशीलाल जोशी हैं।
आयोजन से जुड़े पंडित बृजमोहन पुरोहित ने बताया कि गीताप्रेस के संस्थापक परम् श्रद्धेय सेठ जी श्री जयदयाल जी गोयंका का निरंतर प्रयास रहता था की यज्ञोपवीत धारण करने योग्य व्यक्ति इस संस्कार से किसी भी प्रकार से वँचित न रहे यह एक ऐसा अनूठा आयोजन हैं जिसमे किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता हैं इसमें पूजन सामग्री से लेकर आवास व्यवस्था भोजन व्यवस्था का वहन भी गीताप्रेस गोरखपुर के द्वारा किया जाता हैं।
प्रतिवर्ष इस आयोजन में पूरे भारतवर्ष से लोग उत्साह से भाग लेते हैं तथा इस संस्कार को सम्पन्न करवाने के लिए ऋषिकेश में आते हैं। इस वर्ष भी यह आयोजन 27 मई से 29 मई 2025 को सम्पन्न हुआ। यहां आने वाले सभी द्विजवर्ण के बटुको को संध्या कर्म से संबंधित सामग्री जैसे संध्या के पात्र, पुस्तक, आसन, गौमुखी माला भी उपलब्ध करवाई जाती हैं। इस बार बटुको की संख्या 486 से अधिक रही।