रडार को जाम करके पलक झपकते ही 650 राउंड फायर करने वाला लड़ाकू हेलीकाप्टर भारतीय सेना में तैनात
AH-64E Apache Helicopter : भारतीय सेना अब ओर भी आधुनिक हथियारों से लैस हो गई। जहां पर भारतीय सेना को अमेरिकी एयरोस्पेस दिग्गज बोइंग ने दुनिया के सबसे उन्नत किस्म का है। भारतीय सेना को छह एएच-64ई अपाचे हेलीकाप्टर कंपनी ने देने हैं। अमेरिकी सेना के बेड़े में भी अपाचे हेलीकाप्टर शामिल हैं। सेना ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर एक पोस्ट में कहा कि ये अत्याधुनिक हेलीकाप्टर भारतीय सेना की परिचालन क्षमताओं को काफी मजबूत करेंगे। इन हेलीकाप्टरों के पश्चिमी मोर्चे पर यानी पाक सीमा पर तैनाती की संभावना है।
बोइंग ने फरवरी 2020 में भारतीय वायुसेना को ई-माडल के 22 अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति पूरी की थी और तभी 800 मिलियन डालर के छह एएच-64ई अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वायुसेना ने सितंबर 2015 में इन 22 अपाचे हेलीकाप्टर के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अरबों डालर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
वैसे भारतीय सेना को इन एएच-64ई अपाचे हेलीकाप्टर की आपूर्ति मई 2024 में शुरू होनी थी, लेकिन काफी देरी से अब इन हेलीकाप्टर का पहला बैच भारतीय सेना को सौंपा गया है। यहां बता दें कि मार्च 2024 में सेना के एविएशन कार्प्स ने राजस्थान के जोधपुर में 451 एविएशन स्क्वाड्रन की पहली यूनिट स्थापित की ताकि इन हेलीकाप्टरों को तैनात किया जा सके।
एएच-64ई अपाचे हेलीकाप्टर की विशेषता
विशेषज्ञों के अनुसार एएच-64ई अपाचे हेलीकाप्टर 16 हेलफायर मिसाइलों, 2.75 इंच की परिधि वाले 76 राकेटों और 30 मिमी चेन गन के 1200 राउंड से लैस हैं। अपनी शक्ति और फुर्ती के कारण इन हेलीकाप्टर को ‘हवा में टैंक’ के रूप में भी जाना जाता है। ये प्रति मिनट 600-650 राउंड फायर कर सकते हैं। 6838 किलोग्राम वजनी इन हेलीकाप्टर की भार वहन क्षमता 10,432 किलोग्राम हैं।
यह प्रति मिनट 853 मीटर की चढ़ाई चढ़ सकते हैं और इनकी अधिकतम रफ्तार 279 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह हेलीकाप्टर लांगबो रडार से लैस होता है। यह खुद को छिपाए रखकर भी टारगेट को स्कैन कर निशाना बना सकता है। यह दुश्मन के रडार को जाम करने में सक्षम है। इंफ्रारेड, लेजर-गाइडेड और नाइट-विजन उपकरण इसे हर मौसम और रात में भी प्रभावी बनाते हैं।