
THE BIKANER NEWS:-बीकानेर
बेसिक पी.जी. महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना ईकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के अन्तर्गत दूसरे दिन प्रथम सत्र में, शिविर स्थल श्रीरामसर गाँव में हर्षोल्लाव तालाब के आस-पास के परिसर में प्रभात फेरी लगाते हुए वहां के लोगों में उपभोक्ता अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक किया गया। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के इस अवसर पर शिविर स्थल पर दूसरे सत्र में उपभोक्ता के अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के विशेष महत्व को समझाने के उद्देश्य से एक परिचर्चा का आयोजन भी रखा गया जिसका विषय ‘‘अधिकारों एवं जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक कैसे बनें उपभोक्ता ?’’ विषय रखा गया। इस परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में महाविद्यालय प्रबन्ध समिति के वरिष्ठ सदस्य श्री हरिप्रकाश हर्ष, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित, कार्यक्रम अधिकारी महाविद्यालय के वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. मुकेश ओझा सहित रासेयो के स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में विषय प्रवर्तन करते हुए महाविद्यालय के कम्प्यूटर विज्ञान विषय के वरिष्ठ व्याख्याता श्री वासुदेव पंवार ने स्वयंसेवकांे बताया कि उपभोक्तावादी संस्कृति हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित कर रही हैं। बाजार आकर्षण का अहम केंद्र बनकर उभर रहे हैं। विज्ञापनों का मायावी जाल उपभोक्ता को अपनी ओर खींच रहा है। वस्तु को बेचने की होड़ में हर सही गलत उपाय अपनाया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में रासेयो के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए महाविद्यालय प्रबंध समिति के वरिष्ठ सदस्य श्री हरिप्रकाश हर्ष ने बताया कि उपभोक्ता में उत्पादकता और गुणवत्ता संबंधित जागरूकता को बढ़ाने व उपभोक्ता कानूनों के बारे में लोगों को जानकारी देकर उपभोक्ता के हितों की रक्षा करने केे उद्देश्य से भारत में 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए 24 दिसंबर, 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 लागू किया गया था। श्री हर्ष ने अपने उद्बोधन में बताया कि निःसंदेह, कानून बनने से उपभोक्ता अधिकारों के घेरे में आ गया है, जिसके तहत उपभोक्ता को स्वयं के हितों पर विचार करने के लिए बनाए गए विभिन्न मंचों पर प्रतिनिधित्व का अधिकार, अनुचित व्यापार पद्धतियों या उपभोक्ताओं के शोषण के विरुद्ध निपटान का अधिकार, सूचना संपन्न उपभोक्ता बनने के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने का अधिकार, अपने अधिकार के लिए आवाज उठाने का अधिकार, जीवन एवं संपत्ति के लिए हानिकारक सामान और सेवाओं के विपणन के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार, सामान अथवा सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, स्तर और मूल्य, जैसा भी मामला हो, के बारे में जानकारी का अधिकार प्राप्त हुए हैं। वहीं उपभोक्ता को वस्तु एवं सेवा में दोष पाये जाने पर उपभोक्ता अदालतों में मुकदमा लड़ने व न्याय पाने का भी प्रावधान किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुरेश पुरोहित ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए बताया कि आज उपभोक्ता जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, बिना मानक की वस्तुओं की बिक्री, अधिक दाम, गारंटी के बाद सेवा नहीं देना, हर जगह ठगी, कम नाप-तौल इत्यादि संकटों से घिरा हैं। उपभोक्ता संरक्षण के लिए विभिन्न कानून बने हैं, इसके फलस्वरूप उपभोक्ता आज सरकार पर निर्भर हो गया है। डॉ. पुरोहित ने बताया कि हम लोगों को अपने व्यस्त समय में से कुछ क्षण निकालकर उपभोक्ता अधिकार कानून के बारे में प्रचार-प्रसार का कार्य करना चाहिए।
इसके पश्चात् तीसरे सत्र में रासेयो के स्वयंसेवकों ने एक साथ मिलकर श्रीरामसर गाँव में स्थित हर्षोल्लाव तालाब पर श्रमदान भी किया गया। रासेयो के स्वयंसेवकों ने श्रीरामसर गाँव में स्थित हर्षोल्लाव तालाब मन्दिर के आस-पास के क्षेत्रों में भी कूड़े को एकत्रित कर नष्ट किया। स्वयंसेवकों ने राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मुकेश ओझा के साथ दिन भर की विभिन्न गतिविधियों के बारे में चर्चा की। रात्रि शयन से पूर्व स्वयंसेवकों द्वारा एनएसएस गीत का गायन भी किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डॉ. रमेश पुरोहित, डॉ. रोशनी शर्मा, श्रीमती माधुरी पुरोहित, श्रीमती प्रभा बिस्सा, श्री सौरभ महात्मा, सुश्री संध्या व्यास, सुश्री श्वेता पुरोहित, सुश्री प्रियंका देवड़ा, श्रीमती अर्चना व्यास, श्री अजय स्वामी, श्री जयप्रकाश, श्री हिमांशु व्यास, श्री गणेश दास व्यास, सुश्री जयन्ती व्यास, सुश्री ज्योत्सना पुरोहित, डॉ. नमामिशंकर आचार्य, श्री हितेश पुरोहित, श्री पंकज पाण्डे, श्री महेन्द्र आचार्य, श्री शिवशंकर उपाध्याय, श्री राजीव पुरोहित आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।