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राजस्थान

चुनावो की तारीखों का ऐलान होते है इन योजनाओं को लगा विराम और इन कार्यो पर रहेगी पाबंदी:-पढ़े खबर

THE BIKANER NEWS:-  प्रदेश में चुनावो की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू हो गयी ऐसे में जनता के मन में सवाल आने लगे हैं की की क्या फ्री की योजनाएं मिलेगी जातीय जनगणना होगी दिवाली बोनस मिलेगा या नही ऐसे कई सवाल है।आइये आपको बताते है क्या ये काम होंगे या नही और किन कार्यो पर है अब पाबंदी

 

तीन नए जिले बनेंगे या नहीं

अब नए जिलों की घोषणा, घोषणा ही बनकर रह जाएगी। अब नोटिफिकेशन जारी करने के लिए सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। चुनाव आयोग सामान्यत: ऐसे मामलों में अनुमति देता नहीं है।

जातिगत सर्वे हो पाएगा या नहीं

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. प्रवीण कुमार गुप्ता ने बताया कि चुनाव आयोग आचार संहिता लगने के दौरान किए जाने वाले किसी भी सरकारी कार्य, घोषणा, बयान, आदेश आदि को अपने विवेकाधिकार में ले सकता है। आयोग को यदि लगे कि कोई कार्य चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है या किसी आदेश के जरिए मतदाताओं को अनुचित रूप से प्रभावित किया जा रहा है तो वो उस पर रोक लगा सकता है।

अन्नपूर्णा फूड पैकेट किट बांटने का काम भी रुक जाएगा

सरकार की अन्नपूर्णा फूड पैकेट किट योजना का अंतिम निर्णय चुनाव आयोग करेगा। चुनाव आयोग अन्नपूर्णा फूड पैकेट किट बांटने को मंजूरी देगा तो भी पैकेट से सीएम की तस्वीर हटानी होगी। सीएम की तस्वीर नहीं हटने पर इस योजना को बंद करना पडे़गा।

बेरोजगारों को नौकरी का इंतजार नहीं होगा पूरा

सरकार आचार संहिता लागू होने से पहले नियुक्तियां नहीं कर पाई। ऐसे में बेरोजगारों का नौकरी का सपना पूरा नहीं हो पाएगा।

सरकारी कर्मचारियों को दीपावली पर बोनस मिलेगा या नहीं

सरकार अगर आचार संहिता लगने से पहले बोनस की घोषणा करती तो उसे आयोग से पूछने की जरूरत नहीं होती। अब आचार संहिता लगने के बाद सरकार को बोनस के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ेगी।

नहीं हो पाएंगे ढाई लाख शिक्षकों के तबादले

1000 से ज्यादा सरकारी भवनों का शिलान्यास या उद्घाटन नहीं होगा

महिलाओं को मुफ्त मोबाइल मिलेंगे या नहीं

अब आचार संहिता लगने के बाद फ्री मोबाइल को लेकर चुनाव आयोग ही निर्णय लेगा।

आचार संहिता में इन कामों पर भी पाबंदी

आचार संहिता लगने के बाद मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री उद्घाटन, शिलान्यास और लोकार्पण नहीं कर सकते।
मुख्यमंत्री या मंत्री राजकीय अतिथि गृहों, सर्किट हाउस, राजस्थान हाउस, जोधपुर हाउस-बीकानेर हाउस (दिल्ली) और स्टेट गेस्ट हाउस (राजस्थान सहित दिल्ली और मुंबई में राजस्थान के स्टेट गेस्ट हाउसेज भी शामिल) आदि में ठहर नहीं सकते हैं।
मुख्यमंत्री या मंत्री सरकारी वाहन से किसी राजनीतिक सभा, सम्मेलन, कार्यक्रम आदि में नहीं जा सकते।
मुख्यमंत्री या मंत्री सरकारी विभागों, अफसरों, पुलिस आदि की रूटीन मीटिंग के अलावा बैठक नहीं ले सकते। उन्हें कोई नया आदेश लागू करने के लिए नहीं कह सकते।
सरकार के लिए किसी नए कार्यक्रम को लॉन्च करना, नई योजना की घोषणा करना, नई भर्ती शुरू करना, नया बजट आवंटित करना, नई नीति लागू करना, सरकारी कार्मिकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग आदि करना संभव नहीं होगा।
प्रक्रियाधीन योजनाओं, सर्विस डिलीवरी, भर्ती परिणाम जारी करने या परिणाम बाद नियुक्ति देने के लिए भी सरकार को चुनाव आयोग की आज्ञा लेनी पड़ती है।
कोई आपदा, बाढ़, भूकंप आने की स्थिति में सरकार जनहित में जो भी जरूरी समझे, वो कर सकती है, लेकिन इसके लिए भी चुनाव आयोग से आज्ञा लेनी ही पड़ेगी।
सरकारी कर्मचारियों के लिए दीपावली पर बोनस और महंगाई भत्ता लागू करना होगा, लेकिन उसकी आज्ञा चुनाव आयोग से लेनी ही होगी

 

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