
THE BIKANER NEWS:-बीकानेर,दो महीने पहले दो अलग-अलग धर्मों के युवक-युवती ने शादी कर ली। युवती के परिजनों ने
पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई तो युवक-युवती ने शादी का सर्टिफिकेट दिखा दिया। सर्टिफिकेट उसी दिन कैसे बना। इसकी जांच शुरू हुई। जांच में पता चला निगम के एक कार्मिक चंचल चांवरिया की भूमिका संदिग्ध पाई गई। उसी कार्मिक ने मिलीभगत कर उसी दिन सर्टिफिकेट तैयार कर दिया। जबकि अलग-अलग धर्म के युवक-युवती होने पर ये सर्टिफिकेट स्पेशल मैरेज एक्ट के तहत बनेगा और वो अधिकार कलेक्टर के पास ही है।
जांच के दौरान नगर निगम के उपायुक्त कुलराज मीणा को पता चला कि इस
शादी के ठीक एक सप्ताह पहले ऐसा ही एक और सर्टिफिकेट जारी हुआ। उसमें भी अलग-अलग धर्म के युवक-युवती थे। ऐसे में जांच कमेटी ने दोनों ही सर्टिफिकेट खुद ही निरस्त
करते हुए सांख्यिकी विभाग को डेटा से हटाने के लिए कह दिया। सर्टिफिकेट बनाने में भूमिका संदिग्ध पाए जाने वाले चंचल चांवरिया के खिलाफ पहले 17 सीसी की चार्जशीट और बाद में 16 सीसी में परिवर्तित कर कार्रवाई
की जाएगी। हालांकि जांच शुरू होने से पहले ही चांवरिया को सर्टिफिकेट स्थान से हटा दिया गया था।
क्या कहता है कानून….
कानून की धारा 5, 6 और 7 के तहत शादी करने से एक महीने पहले मैरेज रजिस्ट्रार को बताना होगा कि वो शादी करने वाले हैं। उसके बाद रजिस्ट्रार दोनों पक्षों को नोटिस जारी कर उन दोनों की सहमति जानेगा। अगर एक
पक्ष ने भी शादी से इनकार किया तो रजिस्ट्रार उसे सर्टिफिकेट देने से इनकार कर सकता है। अगर आपत्ति नहीं हुई तो गवाह आदि की प्रक्रिया पूरी कर शादी होगी और सर्टिफिकेट
भी बनेगा।