बड़ाबाजार : फर्जी दस्तावेज जमाकर 30 लोगों ने सरकारी बैंक को लगाया 2.09 करोड़ का चूना

कोलकाता खबर:- पुलिस सूत्रों के अनुसार बड़ाबाजार के एमजी रोड स्थित सरकारी बैंक प्रबंधन की ओर से कुछ दिनों पहले कई ग्राहकों के खिलाफ 2.09 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी गयी। बैंक ने अपनी शिकायत में बताया कि वर्ष 2021 में विभिन्न लोगों ने खुद को सरकारी कर्मचारी बताकर बैंक में एक्सप्रेस क्रेडिट पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया था। अभियुक्तों में कई महिलाएं भी शामिल है। इन सभी को राज्य के विभिन्न विभागों का कर्मचारी बताकर उनके फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज बैंक में जमा किए गए थे। यही नहीं अभियुक्तों का विभिन्न सरकारी विभाग का पे स्लिप और बैंक स्टेटमेंट भी जमा किया गया था। उक्त दस्तावेज के आधार वर्ष 2021 मे बैंक की तरफ से 30 लोगों को 4 से 6 लाख रुपये तक का पर्सनल लोन दिया गया था। आरोप है कि लोन लेने के बाद अभियुक्तों ने लोन का ईएमआई नहीं चुकाया। अभियुक्तों द्वारा लोन का ईएमआई नहीं चुकाने पर जब बैंक ने उनके द्वारा जमा किए गए दस्तावेज की जांच की तो सभी फर्जी निकले। यही नहीं जिन लोगों के नाम पर लोन लिए गए, इनमें कई गरीब महिलाएं निकली, जो झोपड़ी में रहती है। पुलिस सूत्रों के अनुसार टॉलीगंज के रहनेवाली नंदरानी दास और जोका के रहनेवाली कविता झा को सरकारी कर्मचारी बताकर उनके नाम पर 4 और 6 लाख रुपये का लोन लिया गया है। यही नहीं उनके नाम पर फर्जी दस्तावेज भी बैंक में जमा किए गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार इसी तरीके से करीब 30 लोगों के नाम पर फर्जी दस्तावेज जमाकर लोन लिए गए हैं।
जालसाजों का बैंक कर्मियों से हो सकता है सांठगांठ
पुलिस सूत्रों के अनुसार बड़ाबाजार के सरकारी बैंक से सभी लोन दो से तीन महीने के अंतराल में लिए गए हैं। ऐसे में यह साफ है कि जालसाजों ने पूरी प्लानिंग और सांठगांठ के साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। इसमें बैंक कर्मियों के जुड़े होने की संभावना जतायी जा रही है। सूत्रों के अनुसार अभियुक्तों द्वारा जमा किए गए दस्तावेज की जांच करने पर पता चल रहा है कि जिन लोगों को सरकारी कर्मचारी बताकर का लोन लिया गया उनके बैंक अकाउंट में प्राइवेट कंपनी से हर महीने सैलरी भेजा जाता था। वह भी बैंक स्टेटमेंट मात्र 6 से 7 महीने की लेकर ही लोन दे दी गयी थी। किसी भी मामले में संभवत: बैंक की तरफ से फिजिकल वेरीफिकेशन या फिर दस्तावेज की गहन जांच नही की गयी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अगर बैंक अधिकारियों की तरफ से दस्तावेज की जांच ठीक से होती तो पहले ही धोखाधड़ी से पर्दा उठ सकता था। फिलहाल पुलिस कोलकाता पुलिस के एंटी बैंक फ्रॉड सेक्शन और बड़ाबाजार थाने के पुलिस कर्मी मामले की जांच कर रहे हैं।