निजी स्कूलों की महंगी किताबे यूनिफॉर्म के नाम पर मनमानी से दुखी अभिवाहक गोगागेट से दंडवत करता पहुचा जिला कलेक्टर ऑफिस:-पढ़े खबर

THE BIKANER NEWS:-बीकानेर 10 जुलाई:-द बीकानेर न्यूज़ पोर्टल में कल एक खबर प्रकाशित हुई थी जिसका शीर्षक था “निजी स्कूल संचालको की मनमानी के आगे मजबूर अभिवाहक” जो आप न्यूज़ पोर्टल में जाकर देख सकते है।
उसमे हमने मुद्दा उठाया था की हर साल नए सत्र के दौरान किताबों, ड्रेस के नाम पर निजी स्कूल अभिभावकों की जेबें ढीली कर मोटा मुनाफा वसूलते हैं।
ये खबर पढ़ कर एक अभिवाहक भरी दोपहर में सड़क पर दंडवत करता निकला, ये शख्स किसी मंदिर या तीर्थस्थल पर नहीं गया वरन अपने घर गोगागेट से रवाना हुआ है और कलेक्टर ऑफिस पहुचा, यह फासला लगभग पाँच किलोमीटर होगा जिसे पूरा करने में लगभग सात घंटे लगे हैं।
कड़ी धूप में इस तरह सड़क पर दंडवत करते हुए जा रहे शख्स भीमशंकर भादानी को इसकी वजह पूछी तो गले में पहनी तख्ती दिखा दी। कहा, प्राइवेट स्कूल से परेशान होकर कलेक्टर से गुहार लगाने जा रहा हूं।
भादाणी ने बताया की प्राइवेट स्कूल की मनमानी से परेशान है। आरटीई में निशुल्क एडमिशन हेाने के बाद भी फीस, यूनिफॉर्म, किताबों आदि में मनमानी और कमीशनबाजी का आरोप है। रस्ते में इसे देखकर हर शहरी का कहना है, मुद्दा सही है।
कमोबेश सभी प्राइवेट स्कूल लूट के दुकान बन गये हैं। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के मोह में परिजन पेट काटकर बड़े स्कूलों में एडमिशन करवा रहे हैं। हालात यह है कि आरटीई में सरकार की ओर से निशुल्क एडमिशन किये गये बच्चों के परिजनों को भी निजी स्कूल संचालकों के लोभ का शिकार होना पड़ रहा है।
इस शख्स ने जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी बात रखी है। कलेक्टर मोहदय ने भी कहा है की ये मामला शिक्षा विभाग का है और में उन तक ये बात जरूर पहुँचाऊगी।
इस शख्स की दंडवत यात्रा में हर उस अभिवाहक का दर्द शामिल है जो प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी का शिकार है।
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